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अब आगे,अपने बड़े पोते राजवीर की बात सुन कर कि वो कुछ दिन बाद आएगा तो अब राजवीर क...
( मोक्ष ) " ------ आप को भगवान समझना बहुत कठिन है, आपकी...
विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्यूज देख कर वो एक दम...
आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160 रु किलीचने 100 रु कि...
1. गृहलक्ष्मी एक बार मुझे दोस्त के बेटे के विवाह के रिसेप्शन में जाने का मौक...
पटारा मैं अभी तो पूरी एक नोट बुक निकली जिसमे क्रमांनुसार कहानियाँ लिखो हुई थी......
विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते होठों पर डाल देता है।...
अध्याय 4 “मैंने तो शुरू में ही बोल दिया… हम किसी भी बात के ल...
आदित्य की बात सुनकर स्वाति इधर उधर देखन लगती हैं.. ओर उसे सोरी सर कहते हुए बैठ ज...
पाँचपुलिस का आखेट महल रोड के पेट्रोल पम्प पर तैनात सिपाही उस रात गौरांबर को कोठी...
एक लड़का था। उसका नाम दाऊद था। वो बहुत ही भोला था। उसकी बुढी माँ मरियम उसको बहुत ही प्यार करतीं थीं। और उसका ध्यान रखती थी। वो लोग बहुत ही गरीब थे। दाऊद अक्सर अपनी मां से पैसे मांग...
कैसी हो हिमानी, क्या कर रही हो? - ठीक हूं शिवा, दिव्यांश का होमवर्क पूरा करा रही हूं, तुम बताओ तुम क्या कर रही हो? - मैं बहुत टेंशन में हूं यार। आज सुबह ही तुम्हें फ़ोन करने वाली...
हिलमिल मुहल्ले को लोग अजायब घर कहते हैं। इसलिए कि यहाँ जितने घर हैं, उतनी तरह के लोग हैं। अलग पहनावे, अलग खान-पान, अलग संस्कार, अलग बोली-बानी और अलग धर्म-वर्ण के। सचमुच, यह मुहल्ला...
कथा 01- मिथ्या की सच्चाई आज कल के परिवेश में ये शब्द ही मिथ्या स्वरुप लगता है। सच्चाई नामक शब्द उसी प्रकार विलुप्त हो रहा है जैसे कि डायनासोर । हाँ और ये तो वैज्ञानिक रुप से प्रमाण...
मर गया पत्थर-दिल इन्शान( यह लेख लेखक के जीवन में घटित विभिन्न घटनाओं , लेखक के भीतर व्याप्त भय और भ्रम के विभिन्न दृश्यों को चित्रत करता है । लेखक का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या स...
लिख रहा हूं मै अंजाम,जिसका कल आगाज आएगा...मेरे लहू का हर एक कतरा,इन्कलाब लाएगा...में रहूं या न रहूं पर,ये वादा हे मेरा तुझसे...मेरे बाद वतन पर....मरने वालो का सैलाब आएगा.मातृभूमि क...
फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन A collection of liveable thoughts © Sanjay V. Shah प्रथम संस्करण जनवरी, 2019 मूल्य 80.00 डिजाइन, प्रकाशक मांगरोल मल्टीमीडिया लिमिटेड बी-603,...
मेरा यह प्रयास समर्पित है श्रृद्धेय श्री वेणुगोपाल जी बांगड़ को जिनकी पितृव्य स्नेह स्निग्ध छाया ने प्रदान किया है हर पल संरक्षण और सम्बल...
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