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Letter From Me By Rudra S. Sharma

I am everyone's sense of loneliness, just bcoz I want's to be so, I want to be the one who without any partiality serve wholeheartedly to everyone related to him, no matter...

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रिश्ता चिट्ठी का By Preeti

मौसम का मिज़ाज बदल रहा यहाँ! ठण्ड अपने पूरे शबाब पर है।
वहां मौसम के क्या हाल? गर्मी के कहर से छुटकारा मिला क्या?मौसम ने जितनी आहिस्ता करवट ली है उतनी ही आहिस्ता आहिस्ता मेरे जीवन...

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एक चिट्ठी प्यार भरी By Shwet Kumar Sinha

प्रिय पापा, सबसे पहले तो मुझे क्षमा करें मैने आपके लिए आदरणीय के स्थान पर प्रिय शब्द का इस्तेमाल किया। दरअसल कई बातें थी जिन्हे कहने के लिए मुझे इस चिट्ठी का सहारा लेना पड़ा। नहीं...

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बेनामी ख़त By Dhruvin Mavani

Dear ख़त ,सोचा पहला ख़त तुम्हे ही लिखना चाहिए । क्योंकि आज कल के digital जमाने में भला तुम्हे याद कौन करेगा ? तुम्हे तो सिर्फ कुछ सरफिरे लोग ही लिखते है और मुझे खुशी है कि मैं उन सरफ...

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एक अप्रेषित-पत्र By Mahendra Bhishma

मैं एक नन्हा—सा वृक्ष हूँ। इस सुन्दर संसार में आए मुझे कुछेक वर्ष ही हुए हैं। नीले आकाश के नीचे, पर्वतमालाओं की तलहटी में विस्तृत सुरम्य वन के ठीक मध्य में लताओं से आच्छादित वृक्षो...

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वीकेंड चिट्ठियाँ By Divya Prakash Dubey

उन सभी लड़कियों के नाम जो पहले नहीं मिलीं!
ज़िंदगी से यूं भी तमाम शिकायतें हैं मुझे. लेकिन उन तमाम शिकवों में से एक ये भी है कि ज़िंदगी मुझे तुमसे पहले नहीं मिलवा सकती थी. हालांकि ऐ...

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