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कॉलेज का पहला दिन था। मैं हमेशा की तरह सबसे आगे की बेंच पर जाकर बैठ गया। यही मेर...
40== कुछ दिनों बाद दीनानाथ ने देखा कि आशी ऑफ़िस जाकर अपने प्रॉजेक्ट पर का...
1. बाल कहानी - गलतीसूर्या नामक बालक अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । सू...
"सर..." राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनित समझ नहीं पाया कि व...
...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ इसलिए मीनाक्षी को म...
ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन Kaynat Sarthak के क...
हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो तुम अपने ससुराल में च...
अध्याय 6 “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच’ सच बोलो, यह...
छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसका तो मानो दूसरा जन्म...
तीन दिन बीत चुके थे, लेकिन मनोज और आदित्य की चोटों की कसक अब भी सहदेव के ज़हन मे...
मुम्बई वो शहर जहाँ लोग आँखों में सपने बसाएँ आते हैं। दिन की रौशनी और रात की चकाचौंध, हमेशा न इस शहर काे जिंदा रखती हैं। पर इस रौशनी और चकाचौंध के पीछे छिपे हैं कई राज़। जिनको किसी...
राजस्थान एक ऐसा प्रदेश जिसका नाम सुनकर ही चारों तरफ रेत ही रेत महसूस होने लगती है | जिसने कभी राजस्थान नहीं देखा उसकी नज़र में राजस्थान एक बंजर भूमि के अलावा कुछ नहीं | वास्तव में ऐ...
कई साल पहले तक जो भी मुझे देखता था वो यही कहता था कि इसके उपर किसी बुरी आत्मा का वास है, लेकिन मेरे घर वाले इस बात को मानने के लिए राजी नही थे. घर वालों ने मुझे बहुत सारे डॉक्टरों...
मैं यानि पवन पेसे से एक अकाउंटेंट, ऑफिस से निकल कर मैं पास के ही बस स्टॉप पे बस का इंतजार कर रहा था। ये वो दौर था जब देश अभी उतना डिजिटल नहीं हुआ था, और भगवन की कृपा से अभी फ़ोन नही...
पापा की जोब मुम्बंई ट्रान्सफर हुई थी।कल रात ही पापा-मम्मी और मे विस्वकर्मा एपार्टमेन्ट के आठवे माले पे फ्लेट नंबर 103 मे सीफ्ट हुए थे।लगभग सारा सामान आ चुका था।लेकिन कुछ स...
फिर कौन था वो? शिल्पा शर्मा (1) ‘‘याद है न तुम्हें, हमारी शादी को छह महीने हो गए हैं आज,’’ थके-हारे ऑफ़िस से लौटे पति को चाय थमाते हुए मीता ने बड़े उत्साह से कहा. ‘‘हम्म...’’ बड़ा...
ज़िन्दगी के सफ़र में चलते हुए कई बार ऐसे अनुभव होते हैं जिन्हें आप सारी उम्र नहीं भूल पाते हैं । मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ जब मैं छुट्टियों में अपने रिश्ते के मामा के घर गया...
नमस्ते दोस्तो। आपके ढेर सारे प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हूँ। आपने मेरी लेखनी को सराहा उसका शुक्रिया शब्दो मे करना कम ही होगा। आपके इस प्यार को बरकरार रखते हुए में...
सुनसान् जगंल, रात के दो बजे । बडी अजीब लगती है । छोटी सी छोटी आवाज भी हमे डरा देती है । जब हम चलते हैं तो यैसा लगता है जैसे की हमारे साथ या पिछे कोई है । बहत खोफनाक होत...
तुझे मना किया था ना,अपार फिर तू क्यो गया?वहां तुझे कुछ हो जाता तो, मैं इसलिए मना कर रही थी कि तू मेरे साथ मत आ,वो तो मैं समय से पहुंच गई नहीं तो____ अब खड़ा क्या है,चल उठा ये पानी...
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