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  • साथिया - 117

    उधर  अबीर और  मालिनी घर की तरफ आ रहे थे। "क्या लगता है तुमको मालिनी  सांझ माफ कर...

  • उजाले की ओर –संस्मरण

    उजाले की ओर----संस्मरण ===========&#...

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    फिल्म रिव्यू - Bad Newz     करन जौहर की धर्मा प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी फिल...

  • Nafrat e Ishq - Part 2

    नए मैनेजर के आने से पहले, सहदेव ने खुद को सकारात्मकता से भर लिया। वह जानता था कि...

  • लालच बुरी बला है

    लालच बुरी बला है एक बार एक बुढ्ढा आदमी तीन गठरी उठा कर पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ र...

  • अधिकार

    " लता, एक कप चाय दे दो यार,,,,। वासु ने सोफे पर बैठते हुए आवाज दी।" आपने घड़ी मे...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 28

    पिछले भाग में हम ने देखा के मार्को की लीव इन पार्टनर जैस्मिन डैनियल के साथ अब्रा...

  • हम सब की ही कोई कहानी है।

    (4) --------" कहने को कुछ भी कह लो। जो लिबास है, यही कहेगे।
    ? ?
    जिंदगी जंगल...

  • Insta Empire - 1

    Mumbai सपनों का शहर जहां कितने अमीर परिवार रहते थे। और उसी शहर में रहता था एक गर...

  • अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 68

    आज भले जतिन और मैत्री के बीच उनके दिल मे एक दूसरे के लिये छुपे प्यार का इजहार नह...

अब और सनबर्न नहीं चाहिए By Neelam Kulshreshtha

इस घर में आज भी सुबह-सुबह नर्म हवा के झोंके पर्दों को थरथराते हैं । आज भी बरामदे में नीचे के बाईं तरफ़ करे नीचे पेड़ों की टहनियों से छनती धूप अपना अक्स बनाती है। आज भी इस घर में डे...

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तू ही है आशिकी By Vijay Sanga

कौन है ये अर्जुन दीक्षित?

दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...

एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा रहा होता है की तभी उसका ध्यान उसके पीछे चल रही कार पर जाता है। वो नोटिस करत...

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आठवां वचन ( एक वादा खुद से) By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

मेघना ने ध्यान दिया कि सुबह से ही घर पर तैयारियां चल रही है।

कल देर रात तक भी अभिषेक वैभव और मम्मी पापा किसी विशेष चर्चा में व्यस्त थे पर मेघना को समझ नहीं आया कि क्या बात है? औ...

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व्याधि By Naresh Bokan Gurjar

जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे। दूर के जंगलों से ठंडी हवा शहर...

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परछाईया By Dr.Chandni Agravat

प्रिय वाचक आपने मेरी कविता और कहानीओ को खुब सराहा अब आपके समक्ष ला रही हुं रोमांच से भरपुर एक धारावाहिक कहानी उम्मीद हे अप पसंद करेंगे।इस कहानी के सभी पात्र और घटनाक्रम काल्पनिक है...

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तुम्हारा ही खून है By S Sinha

नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है .

मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक...

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आँच By Dr. Suryapal Singh

आँच अठारह सौ सत्तावन के संघर्ष की पृष्ठभूमि को उकेरता उपन्यास यह उपन्यास ? इक्कीसवीं सदीं का दूसरा दशक। उदारीकरण के बढ़ते क़दम। भारतीय ही नहीं सम्पूर्ण एशियाई बाज़ारों को आच्छादित करन...

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शापित खज़ाना By Deepak Pawar

शहर से दूर महाराष्ट्र के मिडिल मराठवाड़ा के पहाड़ों के बीच चट्टानों से घिरे इस जंगल के पहाड़ों की गुफाओं में हलचल होती है जिनमें से भूकंप की तरह जैसे ज्वालामुखी बाहर निकलता है उसी...

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नासाज़ By Srishtichouhan

अध्याय एकपेपरमेंट की मीठी जन्नतदुनिया एक पागल कुत्ते की तरह आपको काट खाएगी और आप बस उसका निवाला बन जाना, मुझे अब किसी की प्रतिक्रिया से कोई भी फ़र्क़ नहीं पड़ता था, बिल्कुल भी नही...

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उलझन. By Ratna Pandey

निर्मला एक छोटे से गाँव की सीधी सादी लड़की थी। वह पढ़ने में बहुत ही तेज थी और आगे पढ़कर जीवन में तरक्क़ी करना चाहती थी। लेकिन गाँव में आठवीं के आगे स्कूल न होने के कारण उसे पढ़ाई छोड...

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