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    गीतिका की भाभी की बाते सुन कर गीतिका का भाई बोलता है, "तुम्हारा दिमाग तो खराब नह...

  • अपराध ही अपराध - भाग 24

    अध्याय 24   धना के ‘अपार्टमेंट’ के अंदर ड्राइवर के ड्रेस में कु...

  • स्वयंवधू - 31

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  • प्रेम और युद्ध - 5

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  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क्रिक को तो यही लगता...

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  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो गुस्से में कमरे में...

  • मंजिले - भाग 14

     ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।    चलती हुई ट्रेन क...

  • आई कैन सी यू - 53 (अंतिम भाग)

    अब तक कहानी में हम ने देखा कि लूसी कुछ बीती यादें भूल गई थी जिसमें रोवन और उसकी...

  • नफ़रत-ए-इश्क - 15

    श्लोक जानवी को ताने मारते हुए मुडकर जाने को हुआ के एकदम सामने से विराट से टकरा ग...

Falling for my Heart Criminal By simran

हैदराबाद ........

शाम 5 बजे

कोर्ट के बहार .........

एक लड़की रोते हुए एक आदमी से हाथ जोड़कर कुछ कह रही थी "पापा इसमें मेरी कोई गलती नहीं है सब मन्नत ने किया है मुझे वो...

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कर्म से तपोवन तक By Santosh Srivastav

सघन वन में संध्या दोपहर ढलते ही प्रतीत होने लगती है । माधवी ने अपने आश्रम के भीतरी प्रकोष्ठ से गगरी उठाई और वृक्षों की हरीतिमा में छुपी ऊंची नीची ढलानों पर बहती नदी की ओर चल दी । न...

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Ye Ishq Bada Bedardi Hai By Vijay Sanga

दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...

एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा रहा होता है की तभी उसका ध्यान उसके पीछे चल रही कार पर जाता है। वो नोटिस करता है की वो कार बहुत देर से उस...

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अब और सनबर्न नहीं चाहिए By Neelam Kulshreshtha

इस घर में आज भी सुबह-सुबह नर्म हवा के झोंके पर्दों को थरथराते हैं । आज भी बरामदे में नीचे के बाईं तरफ़ करे नीचे पेड़ों की टहनियों से छनती धूप अपना अक्स बनाती है। आज भी इस घर में डे...

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तू ही है आशिकी By Vijay Sanga

कौन है ये अर्जुन दीक्षित?

दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...

एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा रहा होता है की तभी उसका ध्यान उसके पीछे चल रही कार पर जाता है। वो नोटिस करत...

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आठवां वचन ( एक वादा खुद से) By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

मेघना ने ध्यान दिया कि सुबह से ही घर पर तैयारियां चल रही है।

कल देर रात तक भी अभिषेक वैभव और मम्मी पापा किसी विशेष चर्चा में व्यस्त थे पर मेघना को समझ नहीं आया कि क्या बात है? औ...

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व्याधि By Naresh Bokan Gurjar

जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे। दूर के जंगलों से ठंडी हवा शहर...

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परछाईया By Dr.Chandni Agravat

प्रिय वाचक आपने मेरी कविता और कहानीओ को खुब सराहा अब आपके समक्ष ला रही हुं रोमांच से भरपुर एक धारावाहिक कहानी उम्मीद हे अप पसंद करेंगे।इस कहानी के सभी पात्र और घटनाक्रम काल्पनिक है...

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तुम्हारा ही खून है By S Sinha

नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है .

मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक...

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आँच By Dr. Suryapal Singh

आँच अठारह सौ सत्तावन के संघर्ष की पृष्ठभूमि को उकेरता उपन्यास यह उपन्यास ? इक्कीसवीं सदीं का दूसरा दशक। उदारीकरण के बढ़ते क़दम। भारतीय ही नहीं सम्पूर्ण एशियाई बाज़ारों को आच्छादित करन...

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