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  • अनुशासन का महत्व

        **कहानी: अनुशासन का महत्त्व** बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में ए...

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  • बेजुबान - 1

    एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर...

  • डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 59

    अब आगे,रूही कुछ देर तक वही खड़ी रहती हैं और फिर उस की नजर एक ड्रेस पर जाती है जो...

  • Aapke Aa Jaane Se - 3

    Episode 3अब तकजब साहिल ने रेडियो जॉकी से बात खतम की थी तोह हावड़ा में दूसरी ओर ए...

  • Devil se Mohhabat - 25

    ;कि मैं जितना हद तक जानता हूं ,,,,,,,कि तुम कुछ भी कर सकते हो अनिरुद्ध ,,,,यहां...

  • काश........ लेकिन कितने???.... 1

    शर्त बस सी थी कि दोनों जब कुछ बन जाएंगे तभी घरवालों से शादी की बात की जाएगी। उन...

  • किस्मत ने बांधा (एक डोर से)

    1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 22

    दोपहर का समय था लेकिन फिर भी अब्राहम और मोमल  को दिन में भी फादर की दी हुई मोमबत...

  • बैरी पिया.... - 39

    शिविका " आपने kiss फीलिंग की बात की.. ?? हमारे बीच क्या फीलिंग है.. ?? "। संयम "...

गबन By Munshi Premchand

ग़बन प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। ‘निर्मला’ के बाद ‘गबन’ प्रेमचंद का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है। कहना चाहिए कि यह उसके विकास की अगली कड़ी है। ग़बन का मूल विषय है - महिलाओं का...

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राजर्षि By Rabindranath Tagore

राजर्षि के सम्बन्ध में कुछ कहने का अनुरोध किया गया है। कहने को विशेष कुछ नहीं है। इस बारे में मुख्य वक्तव्य यही है कि यह मेरा स्वप्न में उपलब्ध उपन्यास है।
बालक पत्रिका की संपादिक...

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अलंकार By Munshi Premchand

उन दिनों नील नदी के तट पर बहुतसे तपस्वी रहा करते थे। दोनों ही किनारों पर कितनी ही झोंपड़ियां थोड़ीथोड़ी दूर पर बनी हुई थीं। तपस्वी लोग इन्हीं में एकान्तवास करते थे और जरूरत पड़ने प...

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शेख़ सादी By Munshi Premchand

शेख़ मुसलहुद्दीन (उपनाम सादी) का जन्म सन् 1172 ई. में शीराज़ नगर के पास एक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और दादा का नाम शरफुद्दीन था। 'शेख़' इस घराने की सम्म...

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आजाद-कथा - खंड 2 By Munshi Premchand

मियाँ शहसवार का दिल दुनिया से तो गिर गया था, मगर जोगिन की उठती जवानी देख कर धुन समाई कि इसको निकाह में लावें। उधर जोगिन ने ठान ली थी कि उम्र भर शादी न करूँगी। जिसके लिए जोगिन हुई,...

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आजाद-कथा - खंड 1 By Munshi Premchand

मियाँ आजाद के बारे में, हम इतना ही जानते हैं कि वह आजाद थे। उनके खानदान का पता नहीं, गाँव-घर का पता नहीं खयाल आजाद, रंग-ढंग आजाद, लिबास आजाद दिल आजाद और मजहब भी आजाद। दिन भर जमीन...

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गबन By Munshi Premchand

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मियाँ आजाद के बारे में, हम इतना ही जानते हैं कि वह आजाद थे। उनके खानदान का पता नहीं, गाँव-घर का पता नहीं खयाल आजाद, रंग-ढंग आजाद, लिबास आजाद दिल आजाद और मजहब भी आजाद। दिन भर जमीन...

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