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  • एक महान व्यक्तित्व - 3

    "मेरे बचपन के मजे अब खत्म होने वाले थे चलो अब हॉस्टल तीसरी क्लास मे था मेरी किस्...

  • दरिंदा - भाग - 5

    प्रिया ने देखा रसोई में एक घड़े में पानी था लेकिन उसके अलावा उसे खाने-पीने के लि...

  • खामोश चाहतें - पार्ट 2

    उसका नाम तो मैं नहीं बताऊंगी, पर उसकी तस्वीर मेरे दिल और दिमाग में हमेशा के लिए...

  • बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 24

       सुबह का समय,   राणा जिम,   सिद्धांत ने यश के मुंह पर अपना हाथ रख कर कुछ कहा औ...

  • Love Contract - 22

    सुबह के वक़्त था विराज जॉगिंग से रिवान के साथ वापस आया । विराज जल्दी तैयार हो जा...

  • इश्क दा मारा - 19

    यश और उसकी मां काफी घबरा जाते हैं। यूवी के इस तरह गायब होने से। तभी यूवी की मां...

  • डिअर सर........2

    आज काफी देर से लाइट नहीं थी तो अंधेरा होने से पहले ही लालटेन जलानी थी। एनी जैसे...

  • तेरी मेरी यारी - 4

        (4)करन के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। मि.लाल भी कुछ बताने को तैया...

  • अनुस्वार

    अनुस्वारअति चचंल उछल कूद करती रहने वाली सीमा जिसे सहेलियों के साथ मस्ती और खाना...

  • डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 68

    अब आगे,अपनी इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर कि वो उस के चेंजिंग रूम में अंदर आ ज...

रंगभूमि By Munshi Premchand

‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन


‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक म...

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निर्मला By Munshi Premchand

प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यम...

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आफ़िया सिद्दीकी का जिहाद By Subhash Neerav

यह अफ़गानिस्तान का गज़नी शहर था। उस दिन वर्ष 2008 के जुलाई महीने की 17 तारीख़ थी। दिन भर बेइंतहा गरमी पड़ती रही थी। दिन ढलने लगा तो गरमी की तपिश भी कम होने लगी। आखि़र लंबा दिन गुज़र गय...

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प्रेमा By Munshi Premchand

संध्या का समय हैए डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ सेए एक अंग्रेजी ढ़ंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा है। अंग्रेजी ढ़़ंग की मनोहर तस...

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सड़कछाप By dilip kumar

सर्दियों की सुबह, शीतलहर से समूचा उत्तर भारत कांप रहा था। चरिंद-परिन्द सब हल्कान थे कुदरत के इस कहर से। कई दिनों से सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिये थे । गांव कोहरे और धुँध की चादर म...

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चोखेर बाली By Rabindranath Tagore

विनोद की माँ हस्मिती महेन्द्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जाकर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेन्द्र के पीछे पड़ गई- 'बेटा महेन्द्र, इ...

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काश आप कमीने होते ! By uma (umanath lal das)

पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह के मेल को मैं स्थितियों का संयोग नहीं ठहरा रहा। इसके बाद आपकी...

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डाइवर्ट कॉल (एक लव स्टोरी) By Durgesh Tiwari

आप सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार आप सभी ने जैसे मेरे सभी लेखो को अपना बहुमूल्य पल देकर मेरे उत्साह को बढ़ाया है उसी उत्साह के साथ आज मैं एक सच्ची लव स्टोरी (डाइवर्ट कॉल )लेक...

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भीगे पंख By Mahesh Dewedy

यह कहानी विभिन्न मन-स्थितियों मं जी रहे तीन ऐसे पात्रों की कहानी है जो असामान्य जीवन जीने को अभिशप्त हैं।
थामस ए. हैरिस नामक अमेरिका के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक ने अपनी विश्वविख्यात प...

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हम हैं अधूरे By Priyanka

एग्जाम के दिनों में, नेक्स्ट एंबीशन के बारे में, पढ़ाई के बारे में, गोल्स के बारे में, फ्यूचर के बारे में बस ऐसे ही बातें होती रही सुदीप और मोक्षा के बीच और दोनों में दोस्ती भी हो...

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रंगभूमि By Munshi Premchand

‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन


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