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  • डिअर सर........2

    आज काफी देर से लाइट नहीं थी तो अंधेरा होने से पहले ही लालटेन जलानी थी। एनी जैसे...

  • तेरी मेरी यारी - 4

        (4)करन के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। मि.लाल भी कुछ बताने को तैया...

  • अनुस्वार

    अनुस्वारअति चचंल उछल कूद करती रहने वाली सीमा जिसे सहेलियों के साथ मस्ती और खाना...

  • डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 68

    अब आगे,अपनी इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर कि वो उस के चेंजिंग रूम में अंदर आ ज...

  • बुजुर्गो का आशिष - 5

    पुराने पटारे से निकली हुई वार्ता ओर कई फोटोग्राफस पुराने समय की याद दिलाती हैँ ओ...

  • में और मेरे अहसास - 113

    जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो l...

  • कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1

    मुंबई शहर के आलिशान 'Queen Hotel' जो कि बहुत ही खुबसूरत था। enterance पर...

  • My Wife is Student ? - 17

    फाइल लेकर आदित्य उसे अपनी कार में रख देता है।। न चाहते हुए भी स्वाति को अब आदित्...

  • जंगल - भाग 2

     ----------------------- अंजाम कुछ भी हो। जानता हु, "शांत लहरें कब तूफान का रुखल...

  • व्यवस्था

    व्यवस्था जंगल में शेर ने एक फैक्ट्री डाली... उसमें एकमात्र काम करने वाली चींटिया...

सिर्फ जिस्म नहीं मैं By Divya Sharma

मैं सिर्फ एक जिस्म नहीं..शॉवर के नीचे खड़ी हो अपने शरीर को तेज हाथों से रगड़ने लगी।हाथों का दबाव लगातार बढता जा रहा था और आँखों से निकलता सैलाब बंध तोड़कर बह रहा था।शरीर के हर हिस्से...

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घरोंदा और अन्य कहानिया By Prashant Vyawhare

! भाड़ा ! मुंबई शहर सबसे बड़ी समस्या घर की है ! इतना बड़ा शहर है और इस वजह कुछ लोग उसमे भी रास्ते निकल लेते है ! आज कल बंद पडी और बन रही ईमारत के ढांचे भी कुछ लोगो के लिए घर बन गए है...

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अच्छाईयाँ By Dr Vishnu Prajapati

लेखांक – १ मुंबई से रात को निकली बस की ये सवारी सुबह की पहली किरन के साथ अपने आखरी मुकाम तक पहुच चुकी थी शहर की भीड़ में बसने अपनी रफ़्तार कम कर ली थी सुबह की धुप के साथ ये शहर...

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मनचाहा By V Dhruva

जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मेरे दो बड़े भाई है रवि और कवि औ...

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ग़रीबी के आचरण By Manjeet Singh Gauhar

इस संसार में सभी तरह के प्राणी रहते हैं। इन सभी प्राणियों में से एक प्राणी इन्सान भी है। जो भगवान द्वारा बनाई गयी सभी चीज़ों में बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत है। इंसान से जुड़ी कु...

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दहलीज़ के पार By Dr kavita Tyagi

उस दिन गरिमा अपने विद्यालय से लौटकर घर पहुँची, तो उसकी माँ एक पड़ोसिन महिला के साथ दरवाजे पर खड़ी हुई बाते कर रही थी। गरिमा जानती थी कि वह महिला, जो उसकी माँ के साथ बाते कर रही थी, क...

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जिंदगी कुछ हसीं कुछ ग़मगीन By Nilakshi Vashishth

हेलो रीडर्स, ये मेरी पहली कहानी हैं .या यु कहु की मेरी अपनी कहानी इस कहानी को लिखने का मेरा मकसद किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना नहीं बल्कि जो मेरे दिल में सैलाब अक्सर उमड़ता हैं उसक...

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नया सवेरा - (सवेरे का सूरज) By Yashvant Kothari

खट। खट।।
’’कौन ? ‘‘
’’जी। पोस्टमैन। बाबू जी आपकी रजिस्टी है। आकर ले लें। ‘‘अभिमन्यु घर से बाहर आया। दस्तखत किये। लिफाफा लिया। खोला। पढ़ा। और खुशी से चिल्ला पड़ा।
‘‘मॉ। मॉं मुझे नौ...

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हवाओं से आगे By Rajani Morwal

“जाना है... जाने दो हमें... छोरो, न... चल परे हट लरके ! ए दरोगा बाबू सुनत रहे हो !”
“क्या चूँ-चपड़ लगा रखी है तुम लोगों ने ?” दारोगा ज़रा नाराज़ लहज़े में बोला या ये भी हो सकता है कि...

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ख़्वाबगाह By Suraj Prakash

एक बार फिर विनय का फोन। अब तो मैं मोबाइल की तरफ देखे बिना ही बता सकती हूं कि विनय का ही फोन होगा। वह दिन में तीस चालीस बार फोन करता है। कभी यहां संख्या पचास पार कर जाती है। और इतनी...

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सिर्फ जिस्म नहीं मैं By Divya Sharma

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दहलीज़ के पार By Dr kavita Tyagi

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नया सवेरा - (सवेरे का सूरज) By Yashvant Kothari

खट। खट।।
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