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  • कोहराम

    सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अ...

  • बैरी पिया.... - 42

    अब तक : लड़के उसे घूरते हुए देखकर हंसने लगे । एक लड़का बोला " नहीं कर पाएगी चुप...

  • दिल से दिल तक- 2

    (Part-2)कालेज के आखिरी दिनों में ही हर्ष उस से कुछ खिंचाखिंचा सा रहने लगा था और...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 43

    रूही वाशरूम में अइने के सामने खड़ी अपने गले के निशान को देख रही थी जो रूद्र के व...

  • द्वारावती - 63

    63द्वारका में काशी से पंडित जगन्नाथ पधारे थे। भगवान द्वारिकाधीश के दर्शन के उपरा...

  • जंगल की अद्भुत दुनिया

    एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में तीन प्यारे बच्चे रहते थे - सोनू, मोनू और र...

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  • कोमल की डायरी - 16 - प्यास लगी है

    सोलहप्यास लगी है                                   बुधवार, दस मई 2006           ...

  • राइज ऑफ इन्फॉर्मेशनस

    स्मार्टफोन चलाने हेतु आंखों के स्वास्थ्य के लिए कुछ जानकारियां:- रोजाना 8 घंटे क...

  • बसंत के फूल - 9

    आखिरकार, जिस ट्रेन में मैं दिल्ली लाइन पर था, वह मेरे गंतव्य के रास्ते में पूरी...

भूत बंगला By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं निपुण...

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रेज़्यूमे वाली शादी By Daanu

यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां...

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प्यार की निशानी By Saroj Prajapati

मंगला जैसे ही सुबह स्कूल पहुंची उसे स्टाफ रूम में एक महिला बैठी हुई दिखाई दी। ध्यान से देखने पर वह उसे पहचानते हुए बोली “तुम तो मंजू हो ना!”
उसने भी हैरानी से मंगला की ओर देखते हु...

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जिन्दगी के पल By Kalyani Wadile

आज सुबह सुबह उठकर मैं तयार हो रहीं थीं, कॉलेज जो जाना था। कॉलेज चले जाने के बाद मुझे पता चला को इलेक्शन के वजहसे कॉलेज को 3 दिनों की छुट्टियाँ दी गईं हैं, मैं भर से होस्टल आ गईं।फ़...

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नियति ...can’t change by anybody By PRATIK PATHAK

शीर्षक: नियति ...can’t change by anybody लेखक: प्रतीक पाठक कहानी के किरदार :1) डॉ.अमित नायक – प्रोफेसर 2) मालिनी - डॉ.अमित नायक की सहायक 3) रंगनाथ उर्फ रंगा - डॉ.अमित नायककी कॉ...

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मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना By Ranjana Jaiswal

मैं जब भी आपके बारे में सोचती हूँ तो महात्मा गाँधी की शक्ल सामने आ जाती है। बुढ़ापे में आप लगभग उन्हीं की तरह लगते थे। खल्वाट सिर, लम्बी नासिका, छोटी आँखें, पतले होंठ और लम्बा दुबला...

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EARTH PATH By Rajesh Maheshwari

The almighty has sent us on the earth to accomplish innumerable and great tasks within a limited period of time. It depends on us that how we make use of our wisdom, patience, cons...

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कजरी By anushka swami

श्यामाप्रसाद ने क्या जवाब दिया आपका ? ' जानकी देवी ने अपने पति रघुनाथ से पूछा ।
'तुम जानती हो जवाब क्या आएगा ,मेरी मानो तो उम्मीद छोड़ दो '। रघुनाथ् ने अपने घर के सामने...

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वर्जित व्योम में उड़ती स्त्री By Ranjana Jaiswal

यह उपन्यास डायरी विधा में लिखित एक स्त्री की दास्तान है। समाज ने स्त्रियों के लिए कुछ साँचे बना रखे हैं जैसे अच्छी माँ ....सुगढ़ गृहणी और फरमावदार बीबी, जो इन साँचों में फिट हो जाती...

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त्रिधा By आयुषी सिंह

मेरी प्यारी त्रिधा,कैसी हो ? उम्मीद है पहले से बेहतर होगी। समझ नहीं आ रहा इतने सालों बाद क्या बोलूं, क्या लिखूं, क्या पूछूं...... तुम्हारा फोन नंबर, ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट सब बन्...

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