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कोई न कोई ऐसा ही कारनामा करता रहता था।और अटक लड़ाई मोल लेना उसकी आदत थी।एनानी कि...
जानवी की भी अब उठ कर वहां से जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,,, क्योंकि आज अंश ने...
पिछले भाग में हम ने देखा कि लूना के कातिल पिता का किसी ने बहुत ही बेरहमी से कतल...
महाभारत की कहानी - भाग-८ कच और देवयानी की कथा प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्या...
48=== “क्या बात है आशी? ”मनु भी दरवाज़े से हटकर अंदर आ गय...
मनीषा के दिमाग में सहदेव की बेवफाई का हर एक दृश्य स्पष्ट था। रात भर उसने करवटें...
पश्चाताप - ભાગ ૧૧ एक धनवान व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। अपने उदार स्वभाव...
अब आगे,क्योंकि आराध्या बार बार अपने चेहरे को इधर उधर करने की कोशिश कर रही थी जिस...
मुक्त -----उपन्यास की दर्द की लहर मे डूबा सास भी भारे छोड़ ता जा रहा था युसफ...
गीतिका बहुत जिद करने लगती है।तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "अच्छा ठीक है जब मैं...
एक सूने से हॉल में दो कमरे हैं । उनके सामने की तरफ दीवार पर घड़ी लगी हुई है, जिसमे छोटी सुई दस पर और बड़ी सुई तीन पर है। हॉल के एक कोने में एक बेंच है जिस पर चार लड़के फॉर्मल पेंट शर...
मुक्तेश्वर। छोटी-सी जगह. भरा पूरा कस्बा। ब्रिटिश शासन में किसी अंग्रेज़ गवर्नर का निवास स्थान होने के कारण यहाँ पर अधिकांशतः इमारतें उसी काल की बनी हुई थीं- लाल और मज़बूत पक्की ईं...
देविका, एक सरल और मासूम लड़की है, जो शांतिपूर्ण जीवन जीती है। हालाँकि, पाँच साल की उम्र में, एक जीवन-परिवर्तनकारी घटना घटती है, जो भविष्य में उसके नागिन (नागिन देवी) में बदलने की भ...
रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...
‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’ मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...
आषाढ़ का महिना था, हल्की ठंडी हवा गुनगुना रही थी और धीमे धीमे भोर की खुशबू फैल रही थी और प्रकृति ये संदेश दे रही थी की कुछ ही क्षणों में सूर्योदय होने को है ... राकेश वही रोज की...
" नहीं नहीं। मेरे पापा को छोड़ दो।" छह साल की आभा ने एक परछाई को देखते हुए कहा। " प्लीज़ उन्हें कुछ मत करना.....।" यह कहते कहते सामने का नजारा देख वो सुन्न पड़ गईं।...
इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...
मुझे बाइक चलाना बहुत पसंद है। बहुत ज़्यादा। जुनून की हद तक। जब मैं एट स्टैंडर्ड में पहुँची तो स्कूल जाने के लिए फ़ादर ने लेडी बर्ड साइकिल दी। उन्हें यक़ीन था कि नई साइकिल पाकर मैं ख़ु...
सदफ़िया मंज़िल का दरवाज़ा खुला हुआ है। वह भी सदफ़िया की तरह बहुत बूढ़ा हो चुका है। जगह-जगह से चिटक गया है। यह चिटकन और बढ़ कर दरवाज़े को ज़मीन न सुँघा दे, इस लिए जगह-जगह टीन की पट्टियों को...
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