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किंबहुना By अशोक असफल

जीएम मीटिंग लेने वाले थे। आरती के हाथ पाँव फूल रहे थे।

फाउन्डेशन की एक और प्रोजेक्ट अफसर नीलिमा सिंह उसे नष्ट कराना चाहती है। जीएम से व्यक्तिगत सम्बंध हैं उसके। स्ट्रेंथ मुताबिक...

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पेहचान By Preeti Pragnaya Swain

हल्की सी light पुरे कमरे मैं फैली हुई थी...........

अचानक से फोन की घंटी बज उठी,.......फोन की आवाज सुन ,बिस्तर पर सोई लड़की की नींद थोड़ी सी टूट गयी, वो फोन को silent की और फिर...

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सेहरा में मैं और तू By Prabodh Kumar Govil

ओह! शुरू शुरू में ये अविश्वसनीय सा लगा था।

बिल्कुल असंभव! नहीं, ऐसा हो ही कैसे सकता है? इसकी कल्पना करना भी कल्पनातीत है।

आख़िर नियम कायदे भी तो कुछ चीज़ होती है या नहीं! ऐसा...

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अपंग By Pranava Bharti

समर्पित – ‘सुशीला’ की शीलवती प्रकृति और ‘सरला’ की सरलता को अपनी दो माँ सी ननदों को जो एक ही माह में इस दुनिया को छोड़कर परम तत्व में विलीन हो गईं |&nbs...

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खाली कमरा By Ratna Pandey

मुरली संघर्ष की उस राह पर चल रहा था, जिस राह पर हर रोज़ उसके सामने यह चुनौती होती कि आज कितना सामान वह बेच पाया। इस राह पर मेहनत के साथ ही बहुत धैर्य की भी ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ क...

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हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ By Ranjana Jaiswal

भारतीय समाज में मान्यता है कि स्त्री की डोली पिता के घर से उठती है तो फिर पति के घर से उसकी अर्थी ही निकलनी चाहिए।ससुराल में चाहें जैसी भी असहय स्थितियां हो,चाहे उसकी हत्या का षड्य...

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मुस्कराते चहरे की हकीकत By Manisha Netwal

एक कॉम्प्लिकेटेड, सस्पेंस थ्रिलर और एक्शन से भरी अवनी और विवान की प्रेम कहानी, जो बहुत सी मुस्किलो से होते हुए अंजाम तक पहुंचती हैं"मुस्कराते चहरे कि हकीक़त"संगम विहार,A-bl...

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मेरे घर आना ज़िंदगी By Ashish Kumar Trivedi

ऑफिस से लौटते हुए नंदिता ने एक जगह अपनी स्कूटी खड़ी की। सामने चार सीढ़ियां थीं। उन्हें चढ़कर वह मेडिकल शॉप के काउंटर पर पहुँची। पहले से मौजूद एक ग्राहक अपनी दवाओं के पैसे चुका रहा...

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अनूठी पहल By Lajpat Rai Garg

शनिवार का दिन था। कॉलेज की छुट्टी थी। सुबह के दस ही बजे थे, लेकिन सूर्य-नारायण अपने पूर्ण यौवन की ऊर्जा उत्सर्जित कर रहे थे। पृथ्वी-लोक के प्राणियों का गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा था...

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लव लाइफ By Deeksha Vohra

श्रेया जो आज पहली बार लाइफ मैं घर से बहर निकली थी अपनी हॉस्टल लाइफ जीने के लिए अपनी स्टडीज पूरी करने के लिए आज बहुत खुश थी। श्रेया जो एक हफ्ते पहले ही 21 साल की ही थी गिफ्ट मैं उसन...

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मुरली संघर्ष की उस राह पर चल रहा था, जिस राह पर हर रोज़ उसके सामने यह चुनौती होती कि आज कितना सामान वह बेच पाया। इस राह पर मेहनत के साथ ही बहुत धैर्य की भी ज़रूरत थी क्योंकि यहाँ क...

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हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ By Ranjana Jaiswal

भारतीय समाज में मान्यता है कि स्त्री की डोली पिता के घर से उठती है तो फिर पति के घर से उसकी अर्थी ही निकलनी चाहिए।ससुराल में चाहें जैसी भी असहय स्थितियां हो,चाहे उसकी हत्या का षड्य...

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मुस्कराते चहरे की हकीकत By Manisha Netwal

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