The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
You are welcome to the world of inspiring, thrilling and motivating stories written in your own language by the young and aspiring authors on Matrubharti. You will get a life time experience of falling in love with stories.
रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है और उसे चुप रहने को...
अब आगे,और इसलिए ही अब अर्जुन अपने कमरे के बाथरूम के दरवाजे के पास पहुंच गया और उ...
मनुष्य का स्वभाव है कि वह सोचता बहुत है। सोचना गलत नहीं है लेकिन जब चिंतन चिंता...
आकाश श्रेया के बेड के पास एक डेस्क पे बैठा। "यू शुड रेस्ट। हम बाद में.." उसे बीच...
Hello everyone this is a short story so, please give me ratings about this becau...
--------मुक्त -----(3) खुशक हवा का चलना शुरू था... आज किसी के बहुत करीब स...
ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो साथ, समर्पण और त्याग की मसाल कायम करती है जो वास्तव...
कहानी में अब तक हम ने देखा के रोवन लूसी को अस्पताल ले गया था जहां उसे खून की ज़र...
कॉलेज का वह कमरा छात्रों से भरा हुआ था। हर कोई अपनी परीक्षा में डूबा हुआ था, और...
अध्याय 3: आर्या की यात्रा जारी हैआर्या की यात्रा जारी थी, और वह अपने लक्ष्य को प...
कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वाण छोड़ने को आतुर हो जाते हैं मा...
अजगर करे ना चाकरी,पंछी करे न काम,दास मलूका कह गए,सबके दाता राम..... सेठ मतकू राम अंदर आते हुए अपने पेट पर हाथ फेरते हुए यह कहता है.. तभी अंदर से आवाज आती है कोई नई ताजी खबर...
??घंटी ?? छबिली लैला से, " ये बात बात में तू घंटी क्यों बजाती रहती है ?" लैला, "क्या करूँ यार तुझे तो पता ही है तेरे जीजाजी स्कूल मास्टर हैं , चिल्ला चिल्ला के मर...
ये मेरी पहली कहानी है! मातृभारती पर! अगर कोई भी गलती हुई हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ ! गुटखा चबाते हुये बड़े ही स्टाईल से जब चरणनन्दन ने घर में प्रवेश लिया तभी अचानक से उसके सिर पर...
आप सभी प्रेरक पाठक गणों को मेरा (संदीप सिंह का) राम-राम, गुरु आप लोग खुशहाल और चकाचक (स्वस्थ) होंगे| ईश्वर का आशीर्वाद आप सभी पर सदैव बना रहे और अना-पेक्षित हालातों की बारिश मे छात...
“अरे अंकल! चल रहे हैं “? राहुल ने पूछा। कहां चलना है, पूछने पर राहुल ने उत्तर दिया, “आपको पता नहीं है, दो दिन पहले राकेश अंकल गिर पड़े थे जिससे उनके कमर की हड्डी टूट गई थी, अस्प...
मेरी मति मारी गयी थी कि पिछले साल मई की एक दुपहरिया में "मर्द उद्धार शिविर" में एक दोस्त के साथ पहुँचा शायद मेरे दोस्त ने मेरी बीवी के सामने मेरी बोलती बन्द जैसी हालत दे...
जूनियर कॉलेज पास करके डिग्री में कदम रखा ही था, ज्यादा कुछ बदलाव नही आया था सिवाय इसके कि, जूनियर कॉलेज में लड़कियों से दोस्ती करने की उम्मीद में नज़रें बिछी रही और यही उम्मीद पास हो...
प्रस्तुत हास्य व्यंग्य के धारावाहिक में एक आम नागरिक मामा मौजी राम और उनके शिष्य सवालीराम के किस्से हैं।अपने पास-पड़ोस में बिखरे हास्य के प्रसंगों को एक दीर्घ कथा सूत्र में पिरो कर...
विनोद को फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ था । उसका बस चलता, तो रोज़ एक फ़िल्म देख लेता । लेकिन तब, यानी १९७० के दशक में तो कई फ़िल्में छोटे शहरों और कस्बों तक में भी चार-छः हफ्ते चल ही जाती...
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser