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  • न काम के न काज के. घन्टा बजाते रहो बस

    नेता लोग काम करें या न करें, पर जनता को यह महसूस होना चाहिए कि वे काम कर रहे हैं...

  • You Are My Choice - 37

    काव्या कितना अजीब आदमी है। नाम देखे बिना कोई कैसे फोन रिसीव कर सकता है...काव्या...

  • इश्क दा मारा - 29

    नव्या की बाते सुन कर गीतिका को गुस्सा आ जाता है और वो बोलती हैं, "तेरा दिमाग तो...

  • शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 26

    "शुभम - कहीं दीप  जले कहीं दिल"( पार्ट -२६)( पार्ट २५ में रवि डॉक्टर से युक्ति क...

  • नागेंद्र - भाग 8

    राजश्री अवनी को यह समझ रही थी कि केस जीतने के लिए उसे फेमस वकील चाहिए और इसके लि...

  • अजीब लड़की - 5

    रोज की तरह ही उस दिन कम ख़त्म होने के बाद घर के लिए अपनी गाड़ी से रवाना होने लगे...

  • अनामिका - 3

    सूरज की ज़िंदगी में हर तरफ एक ही नाम गूंज रहा था—अनामिका। उसकी कविताओं ने न सिर्...

  • डिप्रेशन - भाग 2

    "में जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हु छोड़ के घर।                   ये क्या की घर की उद...

  • मंजिले - भाग 8

                ------- (सच बोल रहे हो ) ----                आयो कुछ याद करा दू, हमन...

  • ईमानदारी

    ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति    एक व्यक्ति काम की खोज में इधर-उधर धक्के खाने के...

परियों का पेड़ By Arvind Kumar Sahu

परियों का पेड़ (1) राजू एक लकड़हारे का बेटा था | उसके पिताजी जंगल से पेड़ काटकर लकड़ियाँ लाते | फिर उन्हें बाजार में बेच देते | उसकी माँ लकड़ियों से ही कुछ खिलौने भी बना लेती थी, जिसे ब...

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उदना और उदनी By Abhinav Bajpai

एक उदना था और एक उदनी थी। उदना प्रतिदिन खेत पर जाता था और उदनी उसके लिए दोपहर का खाना लेकर जाती थी। एक दिन उदनी जब उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही थी तो उसे रास्ते में बड़कू...

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चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी By PANKAJ SUBEER

चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी (कहानी पंकज सुबीर) (1) इस कहानी में जो चिरइ चुरमुन हैं वो ही ‘हम’ हैं । ‘हम’ का मतलब वो जो कहानी सुना रहा है । यहाँ पर ‘मैं’ की जगह पर ‘हम’ इसलिये सुना रहा...

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आई तो आई कहाँ से By Dr Sudha Gupta

आरुषि ........ आरुषि ........
हाँ मम्मा, मैं यहाँ हूँ l अपनी गुड़िया के साथ खेल रही हूँ l
अच्छा, अच्छा अब जल्दी से तैयार हो जा, शाम हो गई है, चल मैं तेरी चोटी गूँथ दूँ l
हाँ,...

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अकबर बीरबल By MB (Official)

बीरबल एक ईमानदार तथा धर्म—प्रिय व्यक्ति था। वह प्रतिदिन ईश्वर की आराधना बिना नागा किया करता था। इससे उसे नैतिक व मानसिक बल प्राप्त होता था। वह अक्सर कहा करता था कि ईश्वर जो कुछ भी...

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पंचतंत्र By MB (Official)

एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत सयाना हंस था, बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ' कहकर बुलाते थे। एक दिन उसने एक नन्ही—सी बेल...

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प्रेमचंद की बाल कहानियाँ By Munshi Premchand

रेमचंद हिंदी के उन महान्‌ कथाकारों में थे, जिन्होंने बडों के लिए विपुल कथा-संसार की रचना के साथ-साथ विशेष रूप से बच्चों के लिए भी लिखा। उस समय एक ओर स्वतंत्रता संग्राम अपने पूरे जो...

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सिंहासन बत्तीसी By MB (Official)

प्राचीन समय की बात है। उज्जैन में राजा भोज राज्य करते थे। वह बड़े दानी और धर्मात्मा थे। उनके बारे में प्रसिद्ध था कि वह ऐसा न्याय करते कि दूध और पानी अलग—अलग हो जाए। नगरी में एक किस...

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