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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -२६)( पार्ट २५ में रवि डॉक्टर से युक्ति क...
राजश्री अवनी को यह समझ रही थी कि केस जीतने के लिए उसे फेमस वकील चाहिए और इसके लि...
रोज की तरह ही उस दिन कम ख़त्म होने के बाद घर के लिए अपनी गाड़ी से रवाना होने लगे...
सूरज की ज़िंदगी में हर तरफ एक ही नाम गूंज रहा था—अनामिका। उसकी कविताओं ने न सिर्...
"में जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हु छोड़ के घर। ये क्या की घर की उद...
------- (सच बोल रहे हो ) ---- आयो कुछ याद करा दू, हमन...
ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति एक व्यक्ति काम की खोज में इधर-उधर धक्के खाने के...
पसंद आती हैँ तो comments करो, यहाँ तो मैं भाव का भूखा हु... आशीर्वाद दो, मेरा मन...
ग्यारह शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसका तो मानो दूसरा...
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी रोवन और झुमकी कब्रिस्तान वाले बाबा से मिलने फुलवारी जा...
“छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ था। चेतना उम्र में छोटी जरूर थी, लेकिन उसकी समझ, उसकी बातें और उसकी सोच बड़ों से कम नही...
आसमान में डायनासौर 1 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे यकायक हड़कंप सा मच गया था। उड़नतश्तरियां ही उड़नतश्तरियां!! आसमान भरा हुआ था उड़नतश्तरि...
उपन्यास सोलहवाँ साल रामगोपाल भावुक...
अदृश्य गाँव का रहस्य भाग 1 *********************** यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है, और सत्य कहकर मैं फँसना नहीं चाहता...किसी को वचन दिया है। अतः इसे आधा सच और आधा झूठ मान स...
रोबोट वाले गुण्डे बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे 1 भोर हो रही थी। रात समाप्त हो चुकी थी, दिन निकल रहा था। फौजी जासुस केदार सिंह के घर में हलचल थी। केदार सिंह खुद तथ...
जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे जादूगर जंकाल और सोनपरी बहुत पुरानी बात है। जब इस देश में जादूगर और परी, बहुत सारे राजा...
बच्चों को सुनाएँ – 1 “कुरूप सुषमा” आर० के० लाल एक गाँव की लड़की की यह कहानी है जो बहुत सुंदर नहीं थी । उसका नाम सुषमा था । सुषमा बड़ी साधारण सी लड़की थी । उसका रंग...
बकरी और बच्चे (भाग-०१)बच्चों की सूझबूझएक बकरी थी, उसके चार बच्चे थे। नाम थे - अल्लों, बल्लो, चेव और मेव। चारो बड़े ही नटखट और शैतान थे। बकरी रोज सवेरे बच्चो को घर में छोड़ कर बाहर...
स्वप्न हो गये बचपन के दिन... (१)"मेला नाम 'आदनबादन ओदा' है !"....यह कथा मेरी स्मृति का हिस्सा कभी नहीं रही। शायद तब की कथा है, जब मैं पूरी तरह होशगर नहीं हुआ था। लेकिन, कथा...
बिखरते सपने उपन्यास के बारे में बिखरते सपने, एक ऐसी लड़की स्नेहा की कहानी है, जिसके पापा आधुनिक युग में भी निहायत ही रूढंीवादी और संकुचित विचारों के थे। वह स्नेहा को सिर्फ एक लड़की ह...
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