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  • हिरन और चूहा

    1. आज्ञा पालन एक समय की बात है। रेगिस्तान के किनारे स्थित एक गाँव में एक व्यापार...

  • অপরাধী কে?

    অপরাধী কে? এক নারকীয় ধর্ষণ ও খুনের তদন্ত, বিচার ও কিছু প্রশ্ন       অবতরণিকা   শ...

  • अपराध ही अपराध - भाग 5

    अध्याय 5 पिछला सारांश- एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी में डालना है। उसे संस्...

  • आर्या... ( भाग ५ )

         श्वेता पहाटे सहा ला उठते . आर्या आणि अनुराग छान गाढ झोपेत असतात . ती थोड ही...

  • आखेट महल - 5 - 2

    उसने युवक को यह भी बता दिया कि कोठी से भागने के पहले रात को वहाँ क्या हुआ था और...

  • પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 9

    અહી અરવિંદ ભાઈ અને પ્રિન્સિપાલ સર પોતાની વાતો કરી રહ્યા .અવની બેસી ને લેપટોપ ખોલ...

  • तमस ज्योति - 60 (अंतिम भाग)

    प्रकरण - ६०स्टूडियो में बैठे रोशनकुमारने कहा, "अपनी आंखों की रोशनी वापस आने से म...

  • दादीमा की कहानियाँ - 3

      *!! संगत का असर !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~*आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आ...

  • నిరుపమ - 10

    నిరుపమ (కొన్నిరహస్యాలు ఎప్పటికీ రహస్యాలుగానే ఉండిపోతే మంచిది) శివ రామ కృష్ణ కొట్...

  • શંકા ના વમળો ની વચ્ચે - 6

            ઉત્તરાયણ પતાવીને પાછી પોતાના ઘરે આવેલી સોનાલી હળવી ફૂલ બની ને પાછી પોતાન...

पथरीले कंटीले रास्ते By Sneh Goswami

दोपहर के तीन बज रहे थे। सूर्य का तेज मध्यम हो चला था। पर सड़कों पर अभी लोगों का आना जाना न के बराबर है। कोई कोई व्यक्ति किसी मजबूरी के चलते ही बाहर निकलने की हिम्मत दिखा पा रहा था।...

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सुरासुर By Sorry zone

रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

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रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...

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युवा किंतु मजबूर By Lalit Kishor Aka Shitiz

आषाढ़ का महिना था, हल्की ठंडी हवा गुनगुना रही थी और धीमे धीमे भोर की खुशबू फैल रही थी और प्रकृति ये संदेश दे रही थी की कुछ ही क्षणों में सूर्योदय होने को है ...

राकेश वही रोज की...

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किरन By Veena

" नहीं नहीं। मेरे पापा को छोड़ दो।" छह साल की आभा ने एक परछाई को देखते हुए कहा। " प्लीज़ उन्हें कुछ मत करना.....।" यह कहते कहते सामने का नजारा देख वो सुन्न पड़ गईं।...

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मैं तो ओढ चुनरिया By Sneh Goswami

कोई भूखा मंदिर इस उम्मीद में जाय कि उसे एक दो लड्डू या बूंदी मिल जाय तो रात आराम से निकल जाएगी और वहाँ से मिले मक्खन मलाई का दोना तो जो हालत उस भूख के मारे बंदे की होगी , बिल्कुल व...

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Shadow Of The Packs By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

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મન ની લાઈફ સ્ટોરી By Story cafe

મન ને વહેલું ઉઠવું ન ગમે. સાચી તો વાત છે, વહેલું ઉઠવું કોને ગમે વળી ? ફરી ગયેલી પથાળી, જે રાત્રે મમ્મી એ વ્યવસ્થિત કરી હતી, તેની દશા બગાડી ને વહેલી સવાર માં ઉઠવાનું કોનું મન થાય ?...

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एमी By Pradeep Shrivastava

मुझे बाइक चलाना बहुत पसंद है। बहुत ज़्यादा। जुनून की हद तक। जब मैं एट स्टैंडर्ड में पहुँची तो स्कूल जाने के लिए फ़ादर ने लेडी बर्ड साइकिल दी। उन्हें यक़ीन था कि नई साइकिल पाकर मैं ख़ु...

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When Wife Turns Out Sister By S Sinha

Note - This is a fiction about two stranger youths who got married but after several years they were found to be siblings , own brother and sister .


Manon and Andre, both i...

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