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मैत्री की बनायी रंगोली देखकर जहां एक तरफ बबिता और विजय बेहद खुश थे ये सोचकर कि म...
इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें । .................
बातों बातों में रात के तीन बज गए थे। घना अंधेरा छाया हुआ था। पास के जंगलों और खे...
"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१६)घर की जान होती हैं बेटियाँपिता का गुमा...
और वहीं दूसरी तरफ विवेक तैयार होते हुए ,,,,,,विधि आज तो तुम्हें ,,,,पीछे हटना ही...
अब आगे,नितिन ने कहा, "हाँ " और उसे देख कर हसने लगा ।"वैसे आपको हसीं बहुत आती है,...
“जलपरी का प्यार”गाँव के बाहरी किनारे पर एक पुराना तालाब था, जिसका पानी नीला और ग...
रात का समय, नेशनल हाईवे, सिद्धांत के हाथ में गन देख कर गन वाले आदमी ने हक...
अगली सुबह : शिविका उठी तो अपने आप को कंबल से कवर पाया । वो उठकर वाशरूम गई और फिर...
"आप उसे जानते है".....भव्या ने उस लड़की(कनिषा) को देख,इशांक के तेजी से बदलते भाव...
इस तमिल के उपन्यास के मूल लेखक राजेश कुमार हैं । अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। यह उपन्यास नारी प्रधान है। इस उपन्यास की नायिका वैगई है। जो हजारों मुश्किलों से नहीं डरती। उ...
होली के अवसर पर खेतों में मसूर उखाड़ने का कार्य तेजी से शुरू हो गया था । आज मौजी जल्दी ही जाग गया था। यों तो रोज ही जल्दी जागना पड़ता है, पर होली के दिन की उमंग और भी जल्दी...
मुम्बई, महाराष्ट्र मुम्बई साइंस कॉलेज वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी । वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने ल...
ऑफिस से लौटते हुए नंदिता ने एक जगह अपनी स्कूटी खड़ी की। सामने चार सीढ़ियां थीं। उन्हें चढ़कर वह मेडिकल शॉप के काउंटर पर पहुँची। पहले से मौजूद एक ग्राहक अपनी दवाओं के पैसे चुका रहा...
नमस्कार दोस्तों. मे वरुण पटेल आप के सामने बहुत ही प्यारी नवलकथा भाग स्वरुप पेश करने जा रहा हूँ । अगर आपको यह नवलकथा अच्छी लगे तो आप इसे अपने सभी दोस्तो को जरुर शेर कर । यह कहानी...
चरित्रहीन........(भाग-1)मैं वसुधा पाठक दिल्ली में ही पैदा हुई, यही पढी लिखी, नौकरी और फिर शादी भी यहीं....। दिल्ली के चप्पे चप्पे से वाकिफ हूँ मैं....पर मैं खुद को खुद से मिलाना ही...
माघ का महीना है। दिन ढल चुका है। केंटाकी प्रदेश के किसी नगर के एक मकान में भोजन के उपरांत दो भलेमानस पास-पास बैठे हुए किसी वाद-विवाद में लीन हो रहे थे। कहने को दोनों ही भलेमानस...
दिल्ली: सफर की शुरुआत आज नई दिल्ली हवाई अड्डा टर्मिनल 3 से हुई । मेरे साथ मेरी हमसफर है। मेरा इरादा ईस्ट इंडिया में सिक्किम, वेस्ट बंगाल घूम कर भूटान जाने का है। मेने 3 महीने पहले...
एक था ठुनठुनिया। बड़ा ही नटखट, बड़ा ही हँसोड़। हर वक्त हँसता-खिलखिलाता रहता। इस कारण माँ का तो वह लाड़ला था ही, गाँव गुलजारपुर में भी सभी उसे प्यार करते थे। गाँव में सभी आकर ठुन...
तुमने कभी प्यार किया था? यह सुनकर वह अचानक अनुभूतियों में डूब गयी। कुछ देर सोचने के बाद वह बोली हाँ। पहाड़ियों पर बसा कालेज था, एक राजकुमार सा लड़का था। जुलाई का महिना और खूब वर्षा...
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