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वो इक खाब है या हकीकत ये लफ्जों में बयान ना कर सकता है पता नहीं वो क्या है पर दि...
अब तक आपने देखा कैसे ईशान और रॉकी की बहस होती है। और ईशान वीर फिर से इतने दिन बा...
(Present day ) एक सूने से हॉल में दो कमरे हैं । उनके सामने की तरफ दीवार पर घड़ी ल...
किसान और नाग एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर ए...
अधूरे जंगल का अमर रहस्य**महल और जंगल से भागने के बाद, तीनों दोस्तों ने राहत की स...
अब तो सिर्फ एक हफ्ते बाकी है सब कुछ ठीक हो रहा है।नैना ने कहा हां सर प्लीज आप टे...
माया ने उन कागजो को पढ़ा था।फिर बोली,"तुंमने तो जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया...
"मेरे बचपन के मजे अब खत्म होने वाले थे चलो अब हॉस्टल तीसरी क्लास मे था मेरी किस्...
प्रिया ने देखा रसोई में एक घड़े में पानी था लेकिन उसके अलावा उसे खाने-पीने के लि...
उसका नाम तो मैं नहीं बताऊंगी, पर उसकी तस्वीर मेरे दिल और दिमाग में हमेशा के लिए...
धारा के संघर्ष की कहानी....क्या कभी मिल पायेगा उसे उसका पहला प्यार??
राजस्थान के अपने एक छोटे से गांव में नन्दन लगभग ६ साल बाद आया और आने का कारण भी कुछ और नहीं बल्कि उसके पिताजी की मौत थी, वो उसी गांव के सरपंच भी थे. पिताजी की मौत अजीब ही हालात में...
दो शब्द- प्यारी मातृभूमि के दर्दों से आहत होकर, यह जनमानस पुन: शान्ति, सुयश और गौरव के उस युग-युगीन आनन्द के सौन्दर्य की अनुभूति की चाह में अपने खोए हुए अतीत को, पुन: याद कर...
पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से हैं तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़ि...
प्रिय पाठकों,यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति के जीवन अथवा किसी घटना विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी का उद्देश्य मनोरंजन मात्र है,किसी की भावनाओं को ठेस पहुं...
"जरा सी देर हो जाएगी तो क्या होगा? घड़ी घड़ी ना उठाओ नजर घड़ी की तरफ।" पढ़ाई से जब भी वक्त मिलता मुग्धा यूं ही किताबों के पन्नों में खुद को समेट लेती थीं। कविताओं से कु...
कामेश्वर ने दरवाजा खटखटाया, ‘’ठक्क....ठक्क....!’’ ............द्वार खुलते ही अवाक्य रह गया,…….ओंठ खुले के खुले रह गये। सामने हंसीन हुस्न की हूर, मुस...
और देखते ही देखते जयपुर सिटी से मेट्रो सिटी हो गया बड़े बड़े मॉल्स, बिल्डिंग्स, मल्टीप्लेक्सेज इत्यादि देखते देखते खड़े हो गए हैं और यहाँ भीड़भाड़ भी बहुत हो गयी है | जब देखो तब जाम लग...
साभार सूचना जो भाग आज पोस्ट होगा वो कहानी की भूमीका है । जिसे मै एक दूस्ररे प्लेट्फार्म पर भी लिख चुकी हूँ , ऐसा सिर्फ पाथको के विचार जानने के लिये किया गया है । अगर आपके प्लेट्र...
अनुभव को जब भी समय मिलता वह लाइब्रेरी से अपनी मनपसंद पुस्तकें लाकर पढ़ लेता । छुट्टियों में वह घर में रखी हुई पुस्तकें निकाल कर पढ़ता,उसे पढ़ने का बहुत शौक़ था । एक दिन उ...
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