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  • खामोश चाहतें - पार्ट 2

    उसका नाम तो मैं नहीं बताऊंगी, पर उसकी तस्वीर मेरे दिल और दिमाग में हमेशा के लिए...

  • बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 24

       सुबह का समय,   राणा जिम,   सिद्धांत ने यश के मुंह पर अपना हाथ रख कर कुछ कहा औ...

  • Love Contract - 22

    सुबह के वक़्त था विराज जॉगिंग से रिवान के साथ वापस आया । विराज जल्दी तैयार हो जा...

  • इश्क दा मारा - 19

    यश और उसकी मां काफी घबरा जाते हैं। यूवी के इस तरह गायब होने से। तभी यूवी की मां...

  • डिअर सर........2

    आज काफी देर से लाइट नहीं थी तो अंधेरा होने से पहले ही लालटेन जलानी थी। एनी जैसे...

  • तेरी मेरी यारी - 4

        (4)करन के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। मि.लाल भी कुछ बताने को तैया...

  • अनुस्वार

    अनुस्वारअति चचंल उछल कूद करती रहने वाली सीमा जिसे सहेलियों के साथ मस्ती और खाना...

  • डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 68

    अब आगे,अपनी इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर कि वो उस के चेंजिंग रूम में अंदर आ ज...

  • बुजुर्गो का आशिष - 5

    पुराने पटारे से निकली हुई वार्ता ओर कई फोटोग्राफस पुराने समय की याद दिलाती हैँ ओ...

  • में और मेरे अहसास - 113

    जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो l...

तर्ज़नी से अनामिका तक By Rajesh Maheshwari

उपरोक्त स्वरचित कविताएँ मेरे जीवन का आधार हैं और इनकी भावनाएँ मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। मानव अपने जीवन की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक संघर्षरत् रहकर अपनी कल्पनाओं...

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हारा हुआ आदमी By Kishanlal Sharma

जनवरीआज का दिन बेहद ठंंडा था।पिछले दो दिनो से शीत लहर चल रही थी।आसमान बादलो से ढका हुआ था।आज भी सूर्य देवता के दर्शन नही हुए थे।कल रात बरसात हुई थी।बरसात की वजह से आज का दिन और ज्य...

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मेरे शब्द मेरी पहचान By Shruti Sharma

----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें...

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भूत बंगला By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं निपुण...

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अनचाहा रिश्ता By Veena

(अब तक आपने देखा स्वप्निल और मीरा दोनों के एक दूसरे के खिलाफ इस तरह मानो किसी धागे के दो अलग-अलग सीरे, दोनों का अलग-अलग स्वभाव होने के कारण दोनों में अब तक काम के अलावा और कोई बात...

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मैं फिर आऊंगी By Sarvesh Saxena

"अरे बेटा...दही चीनी तो खा ले, फिर जा क्लिनिक पर" माँ ने सुभाष को रोकते हुए कहा |
सुभाष - "क्या माँ..तुम भी ना, दही चीनी से किसी का दिन शुभ नहीं होता, मुझे देर हो रही...

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वो अनकही बातें By RACHNA ROY

सड़क के बीच में तेज बारिश में वो खड़ी हो कर ना जानें किसका इंतज़ार कर रही थी।
बहुत सारे सवाल उठ रहे थे शालू के मन में। मुझे इस पार्टी में शामिल नहीं होना चाहिए था।

तभी तेज रफ़...

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यूंही कहीं किसी मोड़ पर By Zenifer Jenny

पायल कार से उतरी और घर के सामने जाकर डोरबेल बजाया। दरवाजा खुला तो सामने विनय थे, सवालिया नजरों से देखते हुए उसने कहा- "आप?"तो विनय ने कहा- "हां, आज ऑफिस में ज्यादा काम...

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पक्षीराज By Pooja Singh

इंसानी दुनिया से अलग है एक दूसरी दुनिया" पक्षीलोक "यहाँ के लोग दिखते तो आम लोग जैसे ही है पर आम इंसान जैसे है भी नही इनका आधा चेहरा पक्षी जैसा है और बड़े बड़े पंख है ।ये लो...

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मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना By Ranjana Jaiswal

मैं जब भी आपके बारे में सोचती हूँ तो महात्मा गाँधी की शक्ल सामने आ जाती है। बुढ़ापे में आप लगभग उन्हीं की तरह लगते थे। खल्वाट सिर, लम्बी नासिका, छोटी आँखें, पतले होंठ और लम्बा दुबला...

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तर्ज़नी से अनामिका तक By Rajesh Maheshwari

उपरोक्त स्वरचित कविताएँ मेरे जीवन का आधार हैं और इनकी भावनाएँ मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। मानव अपने जीवन की पहली श्वांस से मृत्यु की अंतिम श्वांस तक संघर्षरत् रहकर अपनी कल्पनाओं...

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