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फाइल "भोला ओ भोला", पता नहीं ये भोला कहाँ मर गया। भोला... भोला: (ज़ोर से बोलते...
प्रिया को घर के अंदर से सिसकियों की आवाज़ लगातार सुनाई दे रही थी। लेकिन जब कुछ स...
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*आज का प्रेरक प्रसंग**"दीपावली का असली अर्थ: हौसले और मेहनत की जीत"*~~~~~~~~~~~~...
Chapter - 11नील चाहत के हॉस्पिटल मेंअब तकनील," बिल्कुल .... ,you dont worry आपका...
पिछले भाग में हम ने देखा कि मोमल पर निक्कू की आत्मा हावी हो गई थी और वो न जाने क...
एक और बहुत प्रेत की कहानी जिसमें डर कम पर कॉमेडी बहुत है। डर केवल नाम का है पर ए...
(2)दो दिन हो गए थे। करन की कोई खबर नहीं मिली। किडनैपर ने भी फोन नहीं किया...
"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"""शुभम -( पार्ट -१९)शुभम अपनी बेटी से बातचीत करने...
शाम का समय, सिद्धांत का घर, काव्या ने एक नजर उस ओर डाली जिधर सिद्धांत गया...
अरे बाजू हटो रे सब लोग वरना एक्सिडेंट हो जाएगा फिर कहना मत देख कर नहीं चलाते गाड़ी हाहहा अरे ओ भाई इतनी ठंड इतनी गर्मी वाली बात किसको सुना रहे हो जाओ ना अपने रास्ते पे जहा जाना...
काफ़ी सारी गुजराती कहानियों के बाद ये मातृभारती पर मेरी पहली हिंदी कहानी है। उम्मीद हैं कि हमारे पाठकों को गुजराती कहानियों के जैसे मेरी ये हिंदी कहानी भी पसंद आएगी। तो मेरी कहानी...
अच्छी-खासी ठंड है। मैं पैतालीस साल बाद उस मकान में हूँ जहाँ अपने विद्यार्थी जीवन में रहता था। अलमारी खोलता हूँ तो उसमें टका मेरा कोट पड़ा है। कुछ बेतरतीब सी लिखी कविताओं की एक कापी...
जनवरीआज का दिन बेहद ठंंडा था।पिछले दो दिनो से शीत लहर चल रही थी।आसमान बादलो से ढका हुआ था।आज भी सूर्य देवता के दर्शन नही हुए थे।कल रात बरसात हुई थी।बरसात की वजह से आज का दिन और ज्य...
आज वैजयंती की शादी की आठवीं सालगिरह थी। उन्नीस वर्ष की छोटी सी उम्र में ग्रेजुएशन पूरा होते ही उसका विवाह हो गया था। वह आगे पढ़ना चाहती थी, कुछ बनना चाहती थी लेकिन उसके पिता का तो...
मेरा मानना है कि इस आशय का एक प्रसिद्ध किस्सा मौजूद है कि एक युवा लेखक, अपनी कहानी की शुरुआत को जबरन शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और मूल रूप से सबसे निंदनीय का ध्यान आक...
अगर किस्से कहानियों की माने तो बारिश वो साधन है, जो मुश्किल सी मुश्किल प्रेम की नैया को पार लगा दे, पर वहीं हमारे ध्रुव की माने तो बारिश प्यार को बढ़ाती नहीं मिटाती है। ऐसी ही एक ब...
सुभ प्रभात आज एक नई कहानी की और चलते है जहा पे एहसास थोड़ा पुराना होगा और थोड़ा अलग सा होगा तो चलो फिर शुरू करते हैसावधान महराज पधार रहे है...तशरीफ रखिए सब लोगमहराज आज एक बड़ी समस्...
अंतिम सफर,,,,,,, यह बात तब की है ,जब मैं एक बार ऊंचे पहाड़ों की तरफ घूमने निकल गया था,, मौसम एकदम खुशनुमा था,, धूप खिली हुई थी ,,महीना भी मार्च के शुरुआत का था, पहाड़ों से बहने वाल...
समर्पित – ‘सुशीला’ की शीलवती प्रकृति और ‘सरला’ की सरलता को अपनी दो माँ सी ननदों को जो एक ही माह में इस दुनिया को छोड़कर परम तत्व में विलीन हो गईं |&nbs...
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