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बेवफा By Mehul Pasaya

《नमस्ते दोस्तो तो आज एक दिल टुटे हुए आशिक़ की कहानी बताने जा रहा हू गौर से सुनियेगा और जानियेगा》एक बार विजय अपने दोस्तो से मिलने गया था कॉलेज वहा पे आज उसका पेहला दिन भी था सारे क...

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मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) By Pooja Singh

कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था कुछ कर दिखाने का ...
मैं भी भारत माता के लिए कुछ कर दिखााना चाहता हूं...
..... दु:ख होता है .....

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MY DEAR TOILET By Suresh Pawar

इंसान अक्सर इस लिए नहि टूटता कि उसे किसी से मोहब्बत हो गई और किसी ने उसका दिल तोड़ दिया। वह इसलिए टूटता है क्योंकि उसे सुबह शाम उठते बैठते, सोते जागते, खाते पीते किसी की आदत हो जाती...

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लावण्या By Jagruti Joshi

हेलो दोस्तों मैं एक नई कहानी आपके लिए पेश कर रही हूं। अभी उसका टाइटल क्या लिखूं वह मुझे समझ नहीं आया इसलिए लावण्या कर दिया है। स्टोरी के आगे के पार्ट रिड करके सोचकर आप मुझे सजेस्ट...

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तक़दीर का खेल By Aarushi Varma

कूंज विला..... मूंबई... सावित्री :- जगदीश, अनिल, भावना, सुरेखा..... सारी तैयारी हो गई ना? (सावित्री खुश होकर पुछती है.) ( इस कुंज विला में रहता है गुजरात से आकर बसा हुआ मेहता परिवा...

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अंधेरा कोना By Rahul Narmade ¬ चमकार ¬

पिछले डेढ़ साल से मैंने अनंतगढ़ गांव से दूर आलोक और रतिबेन पाटिल कॉलेज ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज से बायो-मेडिकल साइंस में एमएससी कर रहा था, मैं सेमेस्टर 4 मे बायोसेंसर विषय पर डेझर्टेश...

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फंस गया गुलशन By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम:
वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने स...

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दानी की कहानी By Pranava Bharti

दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने...

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बाल कथाएं By Akshika Aggarwal

एक बार की बात है एक पेड़ पर दो पंछी रहते थे। कोयल "कोकिला" और सफेद कबूतर "गौरे" कोकिला बहोत परोपकारी और दयालु पक्षी थी वह बहोत सुरीला गाती थी और सबकी मदद करने को तैय...

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मालगाड़ी का सफ़र By शिव प्रसाद

विनोद को फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ था । उसका बस चलता, तो रोज़ एक फ़िल्म देख लेता । लेकिन तब, यानी १९७० के दशक में तो कई फ़िल्में छोटे शहरों और कस्बों तक में भी चार-छः हफ्ते चल ही जाती...

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बेवफा By Mehul Pasaya

《नमस्ते दोस्तो तो आज एक दिल टुटे हुए आशिक़ की कहानी बताने जा रहा हू गौर से सुनियेगा और जानियेगा》एक बार विजय अपने दोस्तो से मिलने गया था कॉलेज वहा पे आज उसका पेहला दिन भी था सारे क...

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मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) By Pooja Singh

कभी सोचा नहीं था ...मैं सेना में भर्ती हो पाऊंगा बस मन में उमंग और दिल में जज्बा था कुछ कर दिखाने का ...
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..... दु:ख होता है .....

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MY DEAR TOILET By Suresh Pawar

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लावण्या By Jagruti Joshi

हेलो दोस्तों मैं एक नई कहानी आपके लिए पेश कर रही हूं। अभी उसका टाइटल क्या लिखूं वह मुझे समझ नहीं आया इसलिए लावण्या कर दिया है। स्टोरी के आगे के पार्ट रिड करके सोचकर आप मुझे सजेस्ट...

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तक़दीर का खेल By Aarushi Varma

कूंज विला..... मूंबई... सावित्री :- जगदीश, अनिल, भावना, सुरेखा..... सारी तैयारी हो गई ना? (सावित्री खुश होकर पुछती है.) ( इस कुंज विला में रहता है गुजरात से आकर बसा हुआ मेहता परिवा...

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अंधेरा कोना By Rahul Narmade ¬ चमकार ¬

पिछले डेढ़ साल से मैंने अनंतगढ़ गांव से दूर आलोक और रतिबेन पाटिल कॉलेज ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज से बायो-मेडिकल साइंस में एमएससी कर रहा था, मैं सेमेस्टर 4 मे बायोसेंसर विषय पर डेझर्टेश...

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मालगाड़ी का सफ़र By शिव प्रसाद

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