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The Grand Event at Marina Bay SandsThe night was alive with luxury and elegance...
સાંવરીએ મનોમન નક્કી કરી લીધું કે, હું મારા મીતને એકલો નહીં પડવા દઉં મમ્મી પપ્પાન...
Diya had only seen the world of books; she had not witnessed the lies, deceit, a...
रुद्र अणि श्रेयाचच लग्न झालं होत.... लग्नाला आलेल्या सर्व पाहुण्यांना अणि मिडीया...
Riya at home As Riya reaches her home her mother comes near her .Mom : - so bet...
अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था नहीं चेतना का, नए उत्...
भाग 34बाबाराव....."हे आईचं मंगळसूत्र आहे... तिची फार पूर्वीपासून इच्छा होती.......
पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीर...
कर ये भाई आ गया में अब हैपी ना. नमस्ते पंडित जी. कैसे है आप सब ठीक है ना.हा नमस्...
“माँ किधर जा रही हो” 38 साल के युवा ने अपनी 60 वर्षीय वृद्ध माँ को पुकारते हुए क...
मुक्तेश्वर। छोटी-सी जगह. भरा पूरा कस्बा। ब्रिटिश शासन में किसी अंग्रेज़ गवर्नर का निवास स्थान होने के कारण यहाँ पर अधिकांशतः इमारतें उसी काल की बनी हुई थीं- लाल और मज़बूत पक्की ईं...
" ધૂપ-છાઁવ " પ્રકરણ-1 " જય સદ્દગુરૂ સ્વામી પ્રભુ, જય સદ્દગુરૂ સ્વામી.. સહજાનંદ દયાળુ, સહજાનંદ દયાળુ, બળવંત બહુનામી પ્રભુ, ...
इस घर में आज भी सुबह-सुबह नर्म हवा के झोंके पर्दों को थरथराते हैं । आज भी बरामदे में नीचे के बाईं तरफ़ करे नीचे पेड़ों की टहनियों से छनती धूप अपना अक्स बनाती है। आज भी इस घर में डे...
पोह की कड़कड़ाती ठंड में पसीना बहाती प्रीत प्यासी निगाहों से कमल की ओर ताक रही थी। कमरे में जलती मोमबत्ती भी शर्मा कर अपने आप बुझने लगी थी। कमल का हाथ पकड़ कर प्रीत अभी भी कमल से ब...
"राज बेटा आप दस दिनों से जिस लड़की की पेंटिंग बना रहे थे, वह मेरी बेटी रत्ना नहीं थी, बल्कि रत्ना की बहन माया थी।" रत्ना की विधवा मां बताती है "मैं कुछ समझ नहीं पा रहा...
रात के 12:30 बज रहे थे एक सुनसान पतला सा रास्ता जो कि कब्रस्तान की तरफ जा रहा था उस पर एक नई नवेली सुहाग की चहल कदमी हो रही थी उसके चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था रात का सन्नाटा उसकी...
આ દુનીયા કેટલી સુંદર છે, જેટલી મધુરતા માતાની મમતા માં છે, એટલીજ સુંદર આ દુનીયા છે. આખોને કલાકો સુધી જોવા મજબૂત કરતા કુદરતના અઢળક રંગોની મીઠાશ જ્યાં સુધી માણીએ ત્યાં સુધી ઓછી છે. આજ...
आनन्द और जया मिलने वाले थे, आनंद सुबह से बेचैन अधीर सा यहां वहां घूम रहा था,पता नही क्यों इतनी जल्दी थी उसे ,नाश्ता भी नही किया उसने बस कैसे भी आफिस पहुँचना था उसे ,कितने बाद आज जय...
મારે આ સગાઈ કરવી જ નહોતી..... રહી રહીને આર્યાના મગજમાં આ શબ્દો હથોડાની માફક વાગી રહ્યા હતા. માથું ભમી રહ્યું હતું, માથું જ નહીં જાણે આખી દુનિયા ગોળ ગોળ ફરી રહી હતી. આંખમાંથી આં લીસ...
आजच्या युगात कोण कुणाशी आपल्या फायद्यासाठी कसा संबंध जोडेल ते सांगता येत नाही. अगदी ओढून-ताणून असे नातेसंबंध तयार करतात की, ज्यामुळे आपले काम पार पडेल. अशा ओढून ताणून आणलेल्या संबं...
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