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तुझ्या विना उरे ना अर्थ जीवना... By Sadiya Mulla

"आई झोपू दे ना ग थोडा वेळ... आज तर रविवार आहे ना..." खिडीकीतून येणाऱ्या उन्हाच्या तिरीपिने त्रासलेल्या अनन्या ने थोड चिडून च आई ला खिडकी चा पडदा लावण्यास सांगितले.

आई -...

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लग्नाची बोलणी By लेखक सुमित हजारे

आज विश्वनाथाचे माई आबा गावावरून येणार या आनंदात विश्वनाथच्या घरी सकाळपासूनच माई आबांच्या स्वागताची लगबग तयारी सुरू होती विश्वनाथला तर इतका आनंद झाला की मी काय करू नि काय नाय असे त्...

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संयोग By SWARNIM स्वर्णिम

पंचेबाजा के साथ मैं कर्मघर के प्रांगण में पहुंची। विवाह समाज की एक रस्म है, आज से मैं भी उसी समाज की रस्मों में शामिल महिलाओं के समूह में शामिल हो गयी हूं। नए लोग, नई जगह, नए माहौल...

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दानी की कहानी By Pranava Bharti

दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने...

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વસુધા - વસુમાં By Dakshesh Inamdar

એક નારી, નારીનો આદર્શ, નારીની ઇચ્છાશક્તિ, નિર્ણયશક્તિ નીડરતા, પાત્રતા, દરેક પડકાર સામે ઝઝુમવાની સાહસિકતા, પવિત્રતા, કરુણા, પ્રેમ, વાત્સલ્યતા, આવા ક ગુણ સદગુણથી પરોવાયેલું એક સ્ત્રી...

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ચોર અને ચકોરી By Amir Ali Daredia

એ વીસ વર્ષનો ફૂટડો નવજવાન હતો. જીગ્નેશ ભટ્ટ નામ. જન્મ તો બ્રાહ્મણ પરિવારમાં થયો. પણ નવ વર્ષની ઉમરે કેશવ ઉઠાવગીર ના હાથે ચડી ગયો. અને એના નસીબે એને પુજા અર્ચના કરનાર પુજારી ને બદલે...

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? By Captain Dharnidhar

आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ...

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अभिव्यक्ति.. By ADRIL

इज़ाज़त... आज मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दोदिल-ओ-जान तुम पर लुटानेकी इज़ाज़त दे दोमिले जो दर्द या मिले सुकून - कुबूल है हमेंकभी रिहा ना हो पाए वैसे क़ैद होनेकी इज़ाज़त दे दो क...

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मेरी अरुणी By Devika Singh

मृणाल पंत शिमला के ले जोसफिन कैफे में कोने की टेबल पर बैठा कॉफी एंजॉय रहा था। लंबे-छरहरे शरीरवाला वह सांवला सा लड़का पेशे से पेंटर है। उम्र यही कोई 30 के आसपास की होगी। इंस्टाग्राम...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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तुझ्या विना उरे ना अर्थ जीवना... By Sadiya Mulla

"आई झोपू दे ना ग थोडा वेळ... आज तर रविवार आहे ना..." खिडीकीतून येणाऱ्या उन्हाच्या तिरीपिने त्रासलेल्या अनन्या ने थोड चिडून च आई ला खिडकी चा पडदा लावण्यास सांगितले.

आई -...

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लग्नाची बोलणी By लेखक सुमित हजारे

आज विश्वनाथाचे माई आबा गावावरून येणार या आनंदात विश्वनाथच्या घरी सकाळपासूनच माई आबांच्या स्वागताची लगबग तयारी सुरू होती विश्वनाथला तर इतका आनंद झाला की मी काय करू नि काय नाय असे त्...

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पंचेबाजा के साथ मैं कर्मघर के प्रांगण में पहुंची। विवाह समाज की एक रस्म है, आज से मैं भी उसी समाज की रस्मों में शामिल महिलाओं के समूह में शामिल हो गयी हूं। नए लोग, नई जगह, नए माहौल...

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दानी की कहानी By Pranava Bharti

दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने...

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વસુધા - વસુમાં By Dakshesh Inamdar

એક નારી, નારીનો આદર્શ, નારીની ઇચ્છાશક્તિ, નિર્ણયશક્તિ નીડરતા, પાત્રતા, દરેક પડકાર સામે ઝઝુમવાની સાહસિકતા, પવિત્રતા, કરુણા, પ્રેમ, વાત્સલ્યતા, આવા ક ગુણ સદગુણથી પરોવાયેલું એક સ્ત્રી...

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ચોર અને ચકોરી By Amir Ali Daredia

એ વીસ વર્ષનો ફૂટડો નવજવાન હતો. જીગ્નેશ ભટ્ટ નામ. જન્મ તો બ્રાહ્મણ પરિવારમાં થયો. પણ નવ વર્ષની ઉમરે કેશવ ઉઠાવગીર ના હાથે ચડી ગયો. અને એના નસીબે એને પુજા અર્ચના કરનાર પુજારી ને બદલે...

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? By Captain Dharnidhar

आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ...

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इज़ाज़त... आज मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दोदिल-ओ-जान तुम पर लुटानेकी इज़ाज़त दे दोमिले जो दर्द या मिले सुकून - कुबूल है हमेंकभी रिहा ना हो पाए वैसे क़ैद होनेकी इज़ाज़त दे दो क...

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मेरी अरुणी By Devika Singh

मृणाल पंत शिमला के ले जोसफिन कैफे में कोने की टेबल पर बैठा कॉफी एंजॉय रहा था। लंबे-छरहरे शरीरवाला वह सांवला सा लड़का पेशे से पेंटर है। उम्र यही कोई 30 के आसपास की होगी। इंस्टाग्राम...

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‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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