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आसपास से गुजरते हुए by Jayanti Ranganathan in Hindi Novels
मुझे पता चल गया था कि मैं प्रेग्नेंट हूं। मैं शारीरिक रूप से पूरी तरह सामान्य थी। ना शरीर में कोई हलचल हो रही थी, ना मन...
आसपास से गुजरते हुए by Jayanti Ranganathan in Hindi Novels
रात के बारह बजने को थे। मैंने फुर्ती से अलमारी से वोद्का की बोतल निकाली और दोनों के लिए एक-एक पैग बना लिया, ‘नए साल का प...
आसपास से गुजरते हुए by Jayanti Ranganathan in Hindi Novels
मेरी आई निशिगन्धा नाइक महाराष्ट्र की सारस्वत ब्राह्मण थीं। पुणे में उने बाबा थियेटर कम्पनी चलाते थे। आई भी थियेटर में का...
आसपास से गुजरते हुए by Jayanti Ranganathan in Hindi Novels
हॉस्टल आने के बाद भी मैं कई दिनों तक पौधों को याद करती रही। अब आई को लम्बे-लम्बे खत लिखना मेरा शगल बन गया था। विद्या दीद...
आसपास से गुजरते हुए by Jayanti Ranganathan in Hindi Novels
मैंने पहली बार जब अमरीश को देखा, मुझे बड़ा अजीब लगा। तन्दुरुस्त शरीर, चिकना चेहरा, फिल्मी हीरो जैसे हाव-भाव! उसके आंखें छ...