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दस दरवाज़े by Subhash Neerav in Hindi Novels
घंटाभर चलकर बस रुकती है। मैं और राणा हैरान-से होकर उतरते हैं कि यह भला कौन-सी जगह हुई। बिल्कुल अनजान-सी। सोचते हैं कि कं...
दस दरवाज़े by Subhash Neerav in Hindi Novels
रेणुका देवी। एडवोकेट रेणुका देवी। इन्द्रेश शर्मा के साथ उसकी जूनियर बनकर कचेहरी में आती है। मेरी सीट इन्द्रेश शर्मा के ब...
दस दरवाज़े by Subhash Neerav in Hindi Novels
कचेहरी में मैं उससे दूर रहने की कोशिश करता हूँ। वह भी समझती है और बिना मतलब बात नहीं करती। मेरे दोस्त उसका नाम लेकर मुझस...
दस दरवाज़े by Subhash Neerav in Hindi Novels
स्ट्रैथम का इलाका है। शाम का झुटपुटा, ऊपर से कड़ाके की सर्दी। मैं रॉयल एस्टेट में से हाईंड हाउस को खोज रहा हूँ। यही बताया...
दस दरवाज़े by Subhash Neerav in Hindi Novels
एक दिन नसोरा मुझसे कहती है -
“तेरी बात सच है कि अकेले रहना बहुत कठिन होता है।“
“नसोरा, अगर कहे तो किसी लड़के को तुझसे म...