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मंटो की श्रेष्ठ कहानियाँ - 2 by Saadat Hasan Manto in Hindi Novels
दो तीन रोज़ से तय्यारे स्याह उक़ाबों की तरह पर फुलाए ख़ामोश फ़िज़ा में मंडला रहे थे। जैसे वो किसी शिकार की जुस्तुजू में हों स...
मंटो की श्रेष्ठ कहानियाँ - 2 by Saadat Hasan Manto in Hindi Novels
जोगिंदर सिंह के अफ़साने जब मक़बूल होना शुरू हुए तो उसके दिल में ख़्वाहिश पैदा हुई कि वो मशहूर अदीबों और शाइरों को अपने घर...
मंटो की श्रेष्ठ कहानियाँ - 2 by Saadat Hasan Manto in Hindi Novels
“बच्चे कहाँ हैं?”

“मर गए हैं”

“सब के सब?”

“हाँ, सब के सब आप को आज उन के मुतअल्लिक़ पूछने का क्या ख़याल आगया।”...
मंटो की श्रेष्ठ कहानियाँ - 2 by Saadat Hasan Manto in Hindi Novels
सय्यद ग़ुलाम मुर्तज़ा जीलानी मेरे दोस्त हैं। मेरे हाँ अक्सर आते हैं घंटों बैठे रहते हैं। काफ़ी पढ़े लिखे हैं

उन से मैं...
मंटो की श्रेष्ठ कहानियाँ - 2 by Saadat Hasan Manto in Hindi Novels
चालीस पचास लठ्ठ बंद आदमीयों का एक गिरोह लूट मार के लिए एक मकान की तरफ़ बढ़ रहा था।

दफ़्अतन उस भीड़ को चीर कर एक दुबला प...