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મુંબઇમા વાન્દ્રા વેસ્ટમા હીલ રોડના બીજા છેડે એક રેસ્ટોરા મા એકવાર ગયા હતા...
మనసిచ్చి చూడు - 05గౌతమ్ సడన్ బ్రేక్ వేయడం వల్ల క...
સુરજ આજે અસ્તાચળ પર હતો છતાં પણ કાઈક અલગજ રોશની ફેકી રહ્યો હતો. સોનેરી આકાશ પણ જ...
अब तक: शिविका " और आपके मम्मी पापा... ?? " शिविका ने इतना कहा ही था कि संयम ने उ...
(6)कबीर के अपने घर जाने के बाद इंस्पेक्टर आकाश फौरन कंट्रोल रूम पहुँचे।...
राजीव को देख कर बंटी बोलता है, "यार लग तो रहा है कि ये किसी अमीर बाप की औलाद है"...
गया मावशी .... दिवाळी संपत आली की तिची आठवण हमखास येते…. त्या काळात शाळेला द...
78 किडनैप मुरलीधर ने दोनों को गौर से देखते हुए कहा, “हाँ अब बताओ, तुम यहाँ क्य...
67महादेव की संध्या आरती से जब गुल लौटी तब उत्सव तट पर खड़ा था। उसने गुल को निहार...
"നമസ്കാരം , ക്രൈം ന്യൂസിലേക്ക് സ്വാഗതം..,ഓരോ ദിവസം കഴിയുന്തോറും മനുഷ്യമനസിനെ ഞെട...
अपना पुरा ब्रम्हांड चक्राकार रुप में घुमता रहता है। उसकी घुमने की प्रक्रिया बहुत ही धीरे से चलती रहती है। कभी-कभी व्यक्ति जीवन के सफर में पिसते हुए ऐसे निर्णायक मोड पर आकर रुकता है...
...And the days all ahead, years and years ahead, I in a place of profound beauty in myself, again at the cliff, near the sounding streams, the pale blues of the weather, and this...
कुछ रिश्ते ऊपर वाले ही तय कर के रखता है और हमारे ऊपर छोड़ देता कि किसी तरह से भी इनको मिलना ही है पर प्यार का दूसरा नाम समर्पण त्याग बलिदान भी होता है।। इंसान सोचता कुछ है और होता...
एक कातिल और श्रापित तो दूसरी कुदरत के तोहफे से नवाज़ी गई! लेकिन असल श्रापित कौन?....वो जिसे श्राप मिला या फिर वो जिसे कुदरत ने तोहफा दिया? बदनामी में एक गुमनाम ज़िंदगी और मासूमि...
एकआखेट महल के परकोटे के सामने आज सुबह से ही चहल-पहल थी। बड़ी मोटर अभी-अभी आकर लौट चुकी थी। ट्रकों में भरकर ढेर सारे कामगार लाये गये थे। परकोटे के किनारे-किनारे महल के एक ओर के हिस्...
शहरातील एक प्रशस्त नामांकित कॉलेज. आज तो कॉलेजचा हाल फुलून गेला होता.. रंगबिरंगी फुलांनी बाग जशी फुलून जाते त्याप्रमाणे हजार बाराशे स्टुडंट्स रंगीबिरंगी कपड्यांमध्ये वावरत होती. हस...
घड़ी की सुइयों के साथ भागता ये वक़्त कितना जल्दी - जल्दी ख़तम हो गया , हमें तो पता भी नहीं चला कब छुट्टियां ख़तम हो गई थी उन बगीचों में फूलों का खुशबू , तितलियों के साथ खेलना वो...
एक लड़की अभी खिड़की के पास खड़ी खड़ी कुछ सोच रही थी .. असमान में बेहद ही प्यारा सा moon ? चमक रहा था. जो उसकी रोशनी से बेहद ही प्यारी लाइट अपने आसपास के वातारण में नई ऊर्जा भर रहा...
में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की कीर्ति तो बढ़ेंगी ही पर उन शिक्षको और दोस्तो का क्या जिसने भी हमारी सफलता में अमूल्य योगदान दिय...
"शह्ह्हह्ह काही नाही क्षमा... अस विचार कर कि हे स्वप्न आहे, प्रत्येक सकाळ एक नवीन शूरवात असते... घाबरू नकोस मी आहे तुझा सोबत"...... "हे जग एक सुंदर स्वप्न आहे, डोळे...
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