Aakhet Mahal by Prabodh Kumar Govil

आखेट महल by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
एकआखेट महल के परकोटे के सामने आज सुबह से ही चहल-पहल थी। बड़ी मोटर अभी-अभी आकर लौट चुकी थी। ट्रकों में भरकर ढेर सारे कामग...
आखेट महल by Prabodh Kumar Govil in Hindi Novels
दोनयी कोठी पर आज सुबह से ही गहमा-गहमी थी। इस कोठी को आबाद हुए साल भर होने को आया था, मगर इसका नाम नयी कोठी ही पड़ गया था...