खामोशी का रहस्य by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
सीट पर बैठते ही दीपेन की नजर खिड़की के पास बैठी युवती पर पड़ी थी।उसे वह पहली बार देख रहा था।खिड़की के पास वह गुमसुम ,खामोश...
खामोशी का रहस्य by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
ट्रेन आने से पहले ही प्लेटफार्म पर खड़े लोग हरकत में आ गए थे।दीपेन ने उस युवती का हाथ पकड़ लिया था।ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर रुक...
खामोशी का रहस्य by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
छुट्टी वाले दिन दीपेन देर से उठता औऱ सारे काम धीरे धीरे से पूरे करता।छुट्टी वाले दिन वह घर से कम ही निकलता था।बहुत जरूरी...
खामोशी का रहस्य by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
सपना देखने लगा।माया को अपनी पत्नी बनाने का।उसे अपना जजजीवन साथी बनाने का।उसकी चाहत एक तरफा थी।माया के दिल मे क्या है।वह...
खामोशी का रहस्य by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"मैं तुम्हारे लायक नही हूँ"क्यो"क्योकि मैं परित्यक्ता हूँ।तलाकशुदा"यह तुंमने पहले कभी बताया नही।""पहले कब यह बात चली।आज...