अनंता by zarna parmar in Hindi Novels
काले अंधारा था.. चारो ओर ज्वाला जल रही थी! पूरी तरह से वो किसी नर्क का रास्ता लग रहा था! उसमे ...हा हा हा हा.... तुम्हार...
अनंता by zarna parmar in Hindi Novels
लैंप अभी उस छोटी बच्ची पर गिर पाता .. उसे पहले ही वो लड़की आ कर उस नन्ही सी जान को बचा लेती .. लैंप के गिर ने की आवाज इत...
अनंता by zarna parmar in Hindi Novels
अनंता जब नहा कर बाहर आती हैं.. तो वो देखती हैं..उसके कपड़े जो अभी उसने अलमीरा से निकाल कर बेड पर रखे हुए थे ,।।वो अभी बे...
अनंता by zarna parmar in Hindi Novels
शिव वहां से खड़े होकर चल जाता है ... उसके जाते ही अनंता उसको देखते ही रहती है .. अनंता को अब वह पर घुटन महसूस हो रही थी....