Jivan Sarita Naun by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन सरिता नोंन by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" in Hindi Novels
खण्ड काब्य-जीवन सरिता नौंन          (लवणा सरिता) ‘परोपकाराय बहन्ति नद्याः’ अर्पण – परम पूज्‍या – लवणसरिता – (नौंन नदी) ल...
जीवन सरिता नोंन by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" in Hindi Novels
पूर्व से गभुआरे घन ने, करी गर्जना घोर। दिशा रौंदता ही आता था, तम का पकड़े छोर।। ग्राम मृतिका उटज, प्‍यार से करतीं थीं, ज...
जीवन सरिता नोंन by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" in Hindi Novels
 प्रथम अध्‍याय पंचमहल और गिर्द स्‍थली, अब कब होगी गुल्‍जार। कई दिनौं से प्रकृति यहां की,करती रही विचवार।। विनपानी बेचैन...
जीवन सरिता नोंन by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" in Hindi Novels
जड़ – जंगम, घबड़ाये भारी, हिल गए पर्वत सारे। त्राहि। त्राहि मच गई धरा पर, जन जीवन हिय हारे।।  ताप तपन पर्वतहिले, चटके, स...