Humraz by Gajendra Kudmate

हमराज by Gajendra Kudmate in Hindi Novels
खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर बज रहा था और तभी रोडपर हंगामा हो...
हमराज by Gajendra Kudmate in Hindi Novels
     ज़ेबा तो उस जल्दबाजी में भूल ही गयी थी के बादल भी उसका इंतजार करते हुए खिडकी पर बैठा था, बहोत इंतजार करने  के बाद ब...
हमराज by Gajendra Kudmate in Hindi Novels
ज़ेबा अभी थोड़ी ही संभली थी के उसे यासीन का फोन आया और उसने कहा, " हेलो ज़ेबा, क्या कर रही हो. " ज़ेबा ने कहा, कुछ खास न...