रिश्तो की कश्मकश by Naaz Zehra in Hindi Novels
जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना...
रिश्तो की कश्मकश by Naaz Zehra in Hindi Novels
अब आगे आपसे यह सब करने को लेकिन आपने फिर भी आपने इतनी अच्छी तैयारी करी,,, उसी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं,,, ल...
रिश्तो की कश्मकश by Naaz Zehra in Hindi Novels
यह है ,,साक्षी वर्मा ,,और अब वर्मा से यह साक्षी शान खुराना बनने वाली है,,,,**************************************थोड़ी द...
रिश्तो की कश्मकश by Naaz Zehra in Hindi Novels
अब आगे शान ने मीत के कान छोड़ें ,,और बोला,, औ,, नौटंकी अपना ड्रामा बंद कर चल भाभी थक गई होगी,, जा‌ ,,रूम में लेकर जा ,,,...
रिश्तो की कश्मकश by Naaz Zehra in Hindi Novels
आलिया,, ने मीत की तरफ देखा,, और मुस्कुरा कर बोली तो करने दीजिए हमें फर्क नहीं पड़ता ,,,जब तक आप हमें हमारे पैसे नहीं दे...