Sikkim Yatra book and story is written by महेश रौतेला in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sikkim Yatra is also popular in Travel stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सिक्किम यात्रा - Novels
by महेश रौतेला
in
Hindi Travel stories
हवाई जहाज में बैठने पर राइट बंधुओं की याद आती है। आधुनिक जीवन का आश्चर्य है ये। जेट इंजन वाले जहाज आज भी चार ही देश बना पाते हैं। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और फ्रांस। सिक्किम जाने के लिए बागडोगरा तक हवाई जहाज से और गंगटोक तक कार से जाते हैं। गंगटोक सिक्किम की राजधानी है। तिस्ता नदी का उद्गम सिक्किम में पौहुनरी ग्लेशियर से होता है जो लगभग २३ हजार फीट की ऊँचाई पर है। एक ट्रक के पीछे लिखा था," मैं उस देश का वासी हूँ जहाँ तिस्ता बहती है।" गंगा जैसा स्नेह झलकता है, इस वाक्य में। तिस्ता की बाढ़ के अवशेष दिख रहे हैं,सड़क से। चार अक्टूबर २०२३ को उग्र रूप में लोगों ने देखा था उसे। बहुत अधिक नुकसान हुआ था। बाढ़ में बहुत से स्थानों पर सड़क तक आ जाती है और घरों को अपना क्षेत्र बना लेती है।
सिक्किम यात्रा:हवाई जहाज में बैठने पर राइट बंधुओं की याद आती है। आधुनिक जीवन का आश्चर्य है ये। जेट इंजन वाले जहाज आज भी चार ही देश बना पाते हैं। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और फ्रांस। सिक्किम जाने ...Read Moreलिए बागडोगरा तक हवाई जहाज से और गंगटोक तक कार से जाते हैं। गंगटोक सिक्किम की राजधानी है। तिस्ता नदी का उद्गम सिक्किम में पौहुनरी ग्लेशियर से होता है जो लगभग २३ हजार फीट की ऊँचाई पर है। एक ट्रक के पीछे लिखा था," मैं उस देश का वासी हूँ जहाँ तिस्ता बहती है।" गंगा जैसा स्नेह झलकता है, इस
सिक्किम यात्रा-२उठ गये हैं पहाड़गगनचुंबी हो गये हैं,आकाश से कुछ कहउतर रहे हैं धीरे-धीरे।उतार लाये हैं गंगाउतार लाये हैं तिस्ता,लोग अपनी अपनी समझ के अनुसारकर रहे हैं उन्हें प्यार।बन रही हैं सड़केंटूट रही हैं राहें,हमारे साथ-साथखड़े लग रहे हैं ...Read Moreतो हैवह उड़ जायेगी,निर्मल गगन में फिररश्मियां दिखने लगेंगी।गंगटोक से हम अगले पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं।हमें रवांगला जाना है।ड्राइवर कहता है आप चाय बगीचा और नामची का चार धाम देखते जाइये। दर्शनीय स्थल हैं। चाय बगीचा सुन्दर है,ढलान लिए हुये। वहाँ पारंपरिक वेशभूषा लेकर पर्यटक फोटो खींचा रहे हैं।पारंपारिक वेशभूषा को "खो" कहते हैं। चार धाम में बद्रीनाथ,