Kukdukoo book and story is written by Vijay Sanga in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kukdukoo is also popular in Drama in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कुकड़ुकू - Novels
by Vijay Sanga
in
Hindi Drama
इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कुमार। दोनो ही बचपन से बहुत अच्छे दोस्त हैं, और वो दोनो भी खेती बाड़ी करते थे। खेती बाड़ी के साथ साथ सिद्धार्थ की एक किराने की दुकान भी है। संजय और सिद्धार्थ दोनो ही शादीशुदा थे। दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर हुई थी। असल मे वो दोनो दोस्त कम और भाई की तरह ज्यादा थे। उनके परिवार के बीच मे भी बहुत अच्छा रिश्ता था इसलिए दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर रखी गई। संजय की पत्नी का नाम अरूणा और सिद्धार्थ की पत्नी का नाम गीता था , दोनो दोस्तों की शादी हुए एक साल हो बीत चुका था। दोनो के घर मे जल्द ही बच्चे की किलकारियां सुनने को मिलने वाली थी।
भाग 1 – दोस्तों इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और ...Read Moreहै संजय कुमार। दोनो ही बचपन से बहुत अच्छे दोस्त हैं, और वो दोनो भी खेती बाड़ी करते थे। खेती बाड़ी के साथ साथ सिद्धार्थ की एक किराने की दुकान भी है। संजय और सिद्धार्थ दोनो ही शादीशुदा थे। दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर हुई थी। असल मे वो दोनो दोस्त कम और भाई की तरह ज्यादा थे।
कुछ ही दिनों में स्कूल में गैदरिंग होने वाली थी। गौतम दौड़ने मे तेज था, वो हर साल दौड़ की प्रतियोगिता मे अव्वल आता था। इस साल भी उसने पूरी तैयारी कर रखी थी। दूसरी तरफ भूमि ने पोएट्री ...Read Moreमे भाग लिया था। जहां गौतम दौड़ने मे तेज था, वहीं भूमि पोएट्री मे माहिर थी।जल्द ही गैदरिंग वाला दिन आ गया। बहुत से बच्चों ने अलग अलग खेलों मे भाग लिया था। गैदरिंग मे बच्चो के खेलों को देखने के लिए बच्चो के घर वालो को भी बुलाया गया था। गौतम और भूमि के मम्मी पापा भी आए हुए
पिछले भाग मे....स्कूल गैदरिंग मे रघु के रेस जीतने की खुशी मे उसकी मां उसके लिए बाजार से मुर्गा लेकर आई। रघु को चिकन बहुत पसंद था। लेकिन जब उसके पापा को खेत से घर आने मे देरी हुई ...Read Moreरघु उनसे नाराज होकर बैठ गया। जब रघु के पापा को उसकी नाराजगी का पता चला तो उन्होंने फटाफट उसके लिए चिकन बनाना शुरू कर दिया।अब आगे.....शाम के समय सुशील के पड़ोसी जो उसके घर के पास से गुजर रहे थे , उनमे से एक महिला रघु की मम्मी शांतिको आंगन मे बैठा देख उससे पूछती है , “अरे अरूणा...!
रात मे खाना खाने के बाद रघु और उसके मम्मी पापा चैन की नींद सो गए। आधी रात मे अचानक बकरियों की चिल्लाने की आवाज आने लगी। आवाज सुनकर शांति और सुशील की नींद खुल गई। दोनो ने जब ...Read Moreजाकर देखा तो कुछ जंगली कुत्ते एक बकरी को पकड़कर खींच रहे थे। सुशील ने पत्थर उठाया और कुत्तों को मारने लगा। लेकिन कुत्ते थे की वहां से भागने को तैयार ही नहीं थे। तभी सुशील का पत्थर एक कुत्ते को जा लगा। उसी समय सभी कुत्ते वहां से भाग गए।शांति और सुशील ने जब बकरी को देखा तो बकरी
“रघु, आज स्कूल से आने मे इतनी देर क्यों हो गई?” रघु की मां ने रघु के देरी से घर पहुंचने पर पूछा। “अरे मां, वो शिल्पा है ना, उसके कारण देरी हो गई। उसने मुझे आम तोड़ने के ...Read Moreरोक लिया था। जिद पकड़कर बैठी थी की आम खाना ही है, तो मुझे तोड़कर देना पड़ा।” रघु ने अपनी मां से कहा। रघु की ये बात सुनकर शांति मुस्कुराने लगी और कहा, “अरे तुझे तो पता है ना की वो कितनी जिद्दी और नटखट है। चल छोड़, जाकर खाना खा ले। मैं तेरे पापा के लिए खाना लेकर जा