Dhundh : The Fog - A Horror love story book and story is written by RashmiTrivedi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dhundh : The Fog - A Horror love story is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - Novels
by RashmiTrivedi
in
Hindi Horror Stories
जनवरी 1995 की एक सुबह...
उत्तरी गोवा में स्थित वागातोर बीच की सुनहरी रेत पर बैठी सत्रह वर्षीय क्रिस्टीना समुंदर पर छाई धुंध को निहार रही थी। सफ़ेद रंग की सुंदर सी लॉन्ग फ्रॉक पहने,उस पर काले रंग की शॉल ओढ़े वह सफ़ेद रंग की चादर पर बैठी थी। हाथों में अपनी डायरी और कलम लिए वह अभी भी धुंध को इस तरह निहार रही थी,जैसे उसे शब्दों में बांधकर अपने डायरी में उतारना चाह रही हो!
समुंदर किनारे पर ही ऊँचे ऊँचे ताड़ के पेड़ों के बीच बना उसका घर "पैराडाइस विला" भी धुंध में डूब चुका था।
एक समय "पैराडाइस विला" अपने नाम की तरह ही किसी स्वर्ग से कम नहीं था। सफ़ेद रंग का यह सुंदर सा विला वागातोर बीच की शान हुआ करता था। जहाँ बाकी सभी बड़ी इमारतें और बंगले होटल में तब्दील हो चुके थे,वही जूडिथ अल्बर्टो ने वर्षों से अपने पुश्तैनी घर को सहेजकर रखा था।
उत्तरी गोवा में स्थित वागातोर बीच की सुनहरी रेत पर बैठी सत्रह वर्षीय क्रिस्टीना समुंदर पर छाई धुंध को निहार रही थी। सफ़ेद रंग की सुंदर सी लॉन्ग फ्रॉक पहने,उस पर काले रंग की शॉल ओढ़े वह सफ़ेद रंग ...Read Moreचादर पर बैठी थी। हाथों में अपनी डायरी और कलम लिए वह अभी भी धुंध को इस तरह निहार रही थी,जैसे उसे शब्दों में बांधकर अपने डायरी में उतारना चाह रही हो! एक समय पैराडाइस विला अपने नाम की तरह ही किसी स्वर्ग से कम नहीं था। सफ़ेद रंग का यह सुंदर सा विला वागातोर बीच की शान हुआ करता
उस महिला की बात सुन नौजवान ने उत्साहित होते हुए कहा,"वॉव ग्रैनी, सरप्राइज फ़ॉर मी? क्या है वह बताइए न प्लीज!" उस नौजवान ने कहा,"ग्रैनी, आप हमेशा ऐसा ही करती हैं! पहले की बात और थी। तब मैं छोटा ...Read Moreअब तो मैं पूरे बीस साल का हो गया हूँ। अब भी क्या सरप्राइज? प्लीज, बताइए न!" कुछ ही देर में गाड़ियों का वह काफ़िला पैराडाइस विला के गेट के सामने आकर रुका। चमचमाती कार का दरवाज़ा खुलते ही एक बहुत ही रुबाबदार व्यक्तित्व वाली महिला उतरी। सफ़ेद रंग के बिज़नेस सूट में उस महिला का लेडी बॉस लुक देखकर
अपने लक्ज़री विला को देख क्रिस बहुत ख़ुश हो रहा था और उसे ख़ुश देख उसकी दादी लियोना भी काफ़ी उत्साहित लग रही थी। विला के गेट के अंदर आते ही बाई तरफ़ एक बड़ा सा गैराज बना हुआ ...Read Moreआराम से दो बड़ी बड़ी गाडियाँ पार्क हो सकती थी। दाई ओर एक छोटी सी बगिया बनी जिसमें कई खूबसूरत फूल खिले थे। बगिया से होते हुए एक रास्ता विला के पीछे की ओर जाता था,जहाँ एक निजी स्विमिंग पूल था। पास ही शॉवर एरिया बना था। उससे थोड़ा और आगे जाने पर विला के ठीक पीछे एक छोटा सा
अपने पोते को उसके जन्मदिन का तोहफ़ा सौंपकर लियोना अपने काम के लिए ऑफिस की ओर चल पड़ी थी। वही से रात को उन्हें एयरपोर्ट भी जाना था,जहाँ से वह पहले मुंबई और फिर आगे दुबई के लिए निकलने ...Read Moreथी। उनके जाते ही मैनेजर अशोक एक आदमी को लेकर क्रिस के कमरे में पहुँचा। क्रिस अपने नए कमरे में खिड़की के पास खड़ा समुंदर को निहार रहा था। तभी अशोक ने उसके कमरे के दरवाज़े पर दस्तक दी और आगे आते हुए कहा,"क्रिसबाबा, यह पीटर है। आपके इस नए विला का बटलर! मेरी गैरमौजूदगी में आपको कोई भी काम
क्रिस के बाहर जाते ही मैनेजर अशोक ने सबसे पहले पीटर को अपने पास बुलाया और पूछा,"देखो पीटर, तुम जबसे यहाँ आए हो, कुछ डरे डरे से लग रहे हो। मुझे सच सच बताओ, आख़िर बात क्या है?" "नहीं ...Read Moreहम आपको बोला न कोई बात नहीं है।", पीटर ने बात को टालते हुए कहा। मगर अशोक जानता था कि कोई बात ज़रूर थी जो उसे पीटर का बर्ताव कुछ अजीब लग रहा था। उसकी आँखों में एक खौफ़ था। अपनी बात पर अड़े रहकर अशोक ने फिर उससे कहा,"मैं जानता हूँ, तुमने भी शायद इस विला के बारे में