A Perfect Murder book and story is written by astha singhal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. A Perfect Murder is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ए पर्फेक्ट मर्डर - Novels
by astha singhal
in
Hindi Thriller
खिड़की गांँव के उस छोटे से पुलिस स्टेशन में एक खामोशी सी छा गई जब अमोल ने इंस्पेक्टर यादव पर चीखते हुए कहा,"मैं बारह घंटों से इस पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा हूँ पर आप हैं कि आपके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मेरी पत्नी पिछले बारह घंटों से घर नहीं आई है इंस्पेक्टर। प्लीज़, तलाश कीजिए उसकी।"
अमोल गुप्ता, एक फूड कम्पनी में सुपरवाइज़र के पद पर नियुक्त था। कद-काठी, शक्ल-सूरत बहुत आम थी। रंग सांवले से थोड़ा कम था। पूरी तरह श्याम वर्ण भी नहीं कहेंगे। अपने छोटे से परिवार में बहुत खुश था। दिल्ली में खिड़की एक्सटेंशन में अपनी पत्नी नीलम और दो बच्चे, रोहित जो चार साल का था और चित्रा जो छह साल की थी, के साथ रहता था।
भाग 1खिड़की गांँव के उस छोटे से पुलिस स्टेशन में एक खामोशी सी छा गई जब अमोल ने इंस्पेक्टर यादव पर चीखते हुए कहा,"मैं बारह घंटों से इस पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा हूँ पर आप हैं कि ...Read Moreकानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मेरी पत्नी पिछले बारह घंटों से घर नहीं आई है इंस्पेक्टर। प्लीज़, तलाश कीजिए उसकी।" अमोल गुप्ता, एक फूड कम्पनी में सुपरवाइज़र के पद पर नियुक्त था। कद-काठी, शक्ल-सूरत बहुत आम थी। रंग सांवले से थोड़ा कम था। पूरी तरह श्याम वर्ण भी नहीं कहेंगे। अपने छोटे से परिवार में बहुत खुश था।
भाग 2थाने में अमोल की बात कोई सुनने को तैयार नहीं था। सब उसका मज़ाक उड़ाने में लगे हुए थे। “सर, मैं आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूँ, प्लीज़ नीलम को ढूंढ़िए। हो सकता है वो किसी मुसीबत में हो।” ...Read Moreने फिर से इंस्पेक्टर से विनती की। "देख भाई! पहली बात अभी तेरी बीवी को गये हुए चौबीस घंटे नहीं हुए। तो हम तहकीकात शुरू नहीं कर सकते। और दूसरा….ये वाले पर ध्यान देना, हो सकता है कि तेरी बीबी तुझसे परेशान हो किसी और के साथ भाग गई हो….हा हा हा।" इंस्पेक्टर यादव ने अपने मोटे से पेट पर
भाग 3“विक्रम तैयार हो गए आप कि नहीं?” कविता ने कमर का दरवाज़ा खटखटाते हुए पूछा। तभी विक्रम राठोर ने दरवाज़ा खोल कविता को अंदर ले लिया और उसे अपनी बांहों में भरते हुए कहा, “आपको हमारा दरवाज़ा खटखटाने ...Read Moreक्या ज़रूरत है। मैडम आप बेझिझक अंदर आ सकती हैं।” कविता ने एक नज़र विक्रम को देखा। उसके कमीज़ के अधखुले बटन के अंदर से उसका सुगठित शरीर दिख रहा था। कविता ने अपना हाथ उसकी कमीज़ के अंदर डालते हुए कहा, “ऐसी हालत में हमें अंदर ना बुलाया करें विक्रम साहब! हम कंट्रोल नहीं कर पाते अपने आपको।” “तो
अमोल का घर बहुत ही खूबसूरत ढंग से सज़ा हुआ था। फर्नीचर भले ही नया नहीं था पर उसपर बिछे खूबसूरत कवर, तकिए, दीवान पर बिछी खूबसूरत चादर, उस जगह की खूबसूरती को बढ़ा रही थी। शो केस में ...Read Moreमैटीरियल से बनी बहुत सी चीज़ें रखीं थीं। सीपियों और शीशों से हर दरवाज़े पर तोरन बनाकर लटका रखी थी। "अमोल….घर बहुत खूबसूरत सजाया है नीलम ने।" कविता ने तारीफ करते हुए कहा। "जी, उसे बहुत शौक है इन सब चीज़ों का।" अमोल बोला। "अमोल, तुम दोपहर को घर आए तब तुमने क्या किया? और किसने बताया तुम्हें नीलम के
भाग 5दोपहर को कविता दोबारा उस दुकानदार की दुकान पर गयी और जैसा कि उसे अनुमान था, दुकानदार अपने घर आराम करने चला गया था और दुकान पर उसका नौकर मगन था। "तो तुम मगन हो?" कविता ने पूछा।"जी ...Read Moreआप तो….सुबह इंस्पेक्टर के साथ आईं थीं…है ना!" मगन ने उत्साहित होते हुए कहा। "वाह! तुम तो दुकान पर थे भी नहीं फिर भी पहचान गये। क्या बात है मगन!” कविता ने संदेह भरी नज़र से मगन को देखते हुए पूछा। “वो मैडम, मैं वो, सामने वाले घर में था, सामान देने गया था। वहीं से आपको और इंस्पेक्टर साहब