The Six Sense book and story is written by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The Six Sense is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
द सिक्स्थ सेंस.. - Novels
by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार
in
Hindi Thriller
नोट- ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इसका किसी भी तरह से जीवित या म्रत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है, इस कहानी को लिखने का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है|
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"दीपावली खत्म होने के बाद जहां एक तरफ दिन में बारिश की हल्की हल्की फुहारों ने दिल्ली वालों को सर्दियां शुरू होने से पहले गुलाबी सर्दी का एहसास कराया और सबके चेहरे इस बदले हुये खुशनुमा मौसम की वजह से खिल उठे वहीं दूसरी तरफ शाम ढलते ढलते दिल्ली से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आयी है और वो ये कि दिल्ली के मशहूर और नामचीन बिज़नेसमैन राकेश सिंघानिया का एकलौता बेटा राजवीर सिंघानिया बेहद बुरी तरह से घायल अवस्था में पुरानी दिल्ली के जमुना पुल के नीचे बने पुल को साधने वाले बड़े पिलर्स के ऊपर बेहोश पड़ा मिला है
नोट- ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इसका किसी भी तरह से जीवित या म्रत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है, इस कहानी को लिखने का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है| ============================== "दीपावली खत्म होने के बाद जहां एक ...Read Moreदिन में बारिश की हल्की हल्की फुहारों ने दिल्ली वालों को सर्दियां शुरू होने से पहले गुलाबी सर्दी का एहसास कराया और सबके चेहरे इस बदले हुये खुशनुमा मौसम की वजह से खिल उठे वहीं दूसरी तरफ शाम ढलते ढलते दिल्ली से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आयी है और वो ये कि दिल्ली के मशहूर और नाम
राजवीर के सिर पर गहरी चोटें थीं, गर्दन की हड्डी में भी सूजन थी ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसे जान से मारने की कोशिश की हो और उसके बेहोश हो जाने पर उसे मरा हुआ समझ ...Read Moreवहां उसे छोड़कर भाग गया हो |पुलिस हर एंगल से जांच कर रही थी और जांच के जो एंगल फिलहाल उनके सामने थे वो थे--राकेश सिंघानिया का कोई बिज़नेस राइवल- राकेश सिंघानिया की किसी से पर्सनल दुश्मनी - अय्याश किस्म के राकेश सिंघानिया का कोई अवैध संबंध या कोई अवैध संतानपुलिस वालों के पास राकेश सिंघानिया के अलावा उसकी पत्नी
धीरे धीरे करके दिन गुजर रहे थे, राजवीर पर हुये हमले से जुड़े केस में पुलिस की जांच भी चल रही थी और अस्पताल में राजवीर का इलाज भी चल रहा था लेकिन ना तो पुलिस की जांच में ...Read Moreखुलासा हो रहा था और ना ही राजवीर को होश आ रहा था ऐसे में उसके होश में आने का इंतजार करना पुलिस की भी मजबूरी बन गयी थी |समय गुजर रहा था और धीरे धीरे करके चार महीने से जादा हो गये थे राजवीर को कोमा में गये हुये, इतने दिनों के बाद भी राजवीर का शरीर जैसे हिलने
राजवीर के होंठ हिलाकर फुसफुसाते हुये कहे गये "ईईई" शब्द सुनकर डॉक्टर भी सोच में पड़ गये और आईसीयू से बाहर आकर राकेश और प्रीती से बोले- राजवीर ने फिर से खुछ बोलने की कोशिश करी, ऐसा लग रहा ...Read Moreजैसे वो किसी का नाम ले रहा हो, क्या आप लोगों को कुछ अंदाजा है कि उसका कोई दोस्त ऐसा हो जिसके नाम का आखरी अक्षर 'ई' से हो?चूंकि राकेश और प्रीती दोनों ही राजवीर के किसी दोस्त के बारे में नहीं जानते थे इसलिये दोनों ने ही ऐसे किसी दोस्त का नाम पता होने से साफ मना कर दिया,
उस लिप रीडर ने ये तो बता दिया था कि राजवीर जो कहने की कोशिश कर रहा था वो कुछ और नहीं बल्कि एक लड़की का नाम था "सुहासी..!!" लेकिन इस बात का भी कोई फायदा होने नहीं वाला ...Read Moreऔर इसकी वजह ये थी कि राकेश और प्रीती दोनों में से कोई भी नहीं जानता था कि ये 'सुहासी' कौन है..!! भले किसी को सुहासी के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन राजवीर पर हमला होने के इस पूरे केस में ये पहला ऐसा सबूत था जो इतने महीनों के बाद पुलिस के हाथों में लगा था लेकिन