Seasons of Phalguna by शिखा श्रीवास्तव

फागुन के मौसम by शिखा श्रीवास्तव in Hindi Novels
'होली आयी रे कन्हाई, रंग बरसे बजा दे ज़रा बाँसुरी...' सुबह के दस बज रहे थे जब 'वैदेही गेम्स वर्ल्ड' के म...
फागुन के मौसम by शिखा श्रीवास्तव in Hindi Novels
अगले दिन जब सुबह की तरोताज़ा हवा के बीच दशाश्वमेध घाट पर राघव की तारा से मुलाकात हुई तब तारा ने उसे बताया कि बैंगलोर में...
फागुन के मौसम by शिखा श्रीवास्तव in Hindi Novels
राघव की ट्रेन जब बैंगलोर पहुँची तब शाम के साढ़े छः बज रहे थे। उसकी परीक्षा अगले दिन सुबह दस बजे थी। रेलवे स्टेशन पर पूछत...
फागुन के मौसम by शिखा श्रीवास्तव in Hindi Novels
तारा ने जैसे ही गेमिंग सेक्टर के लिए राघव के चयन की ये चिट्ठी पढ़ी, ख़ुशी के अतिरेक में चीख़ते हुए उसने राघव को गले लगा लि...
फागुन के मौसम by शिखा श्रीवास्तव in Hindi Novels
जहाँ एक तरफ राघव ने गेमिंग सेक्टर की अपनी पहली डिग्री सफ़लतापूर्वक बहुत ही अच्छे अंकों के साथ प्राप्त कर ली, वहीं तारा भी...