Fagun ke Mausam book and story is written by शिखा श्रीवास्तव in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Fagun ke Mausam is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
फागुन के मौसम - Novels
by शिखा श्रीवास्तव
in
Hindi Fiction Stories
राघव और तारा, बचपन के पक्के दोस्त जिनकी दोस्ती का आधार बनी गेम पार्लर में खेली जाने वाली वीडियो गेम्स जिसके वो दोनों ही दीवाने थे। बचपन बीता और खेल की जगह ली कैरियर के प्रति उनकी चिंताओं ने और फिर संघर्ष की राहों पर सफर करते हुए इन दोस्तों की मंजिल बनी 'वैदेही गेमिंग वर्ल्ड'। लेकिन इस गेमिंग वर्ल्ड के साथ जुड़ा हुआ नाम वैदेही किसका था? क्यों तारा की किसी बात से इंकार न करने वाला राघव उसके स्नेह भरे आग्रह के बावजूद उसके साथ होली खेलने से कतराता था?
'होली आयी रे कन्हाई, रंग बरसे बजा दे ज़रा बाँसुरी...' सुबह के दस बज रहे थे जब 'वैदेही गेम्स वर्ल्ड' के मालिक राघव ने अपने दफ़्तर के अंदर कदम रखा और उसके कानों से गाने के ये बोल टकराये। ...Read Moreचौंकते हुए अपने आस-पास देखा तो पाया दफ़्तर में काम करने वाला कोई भी शख्स अपनी जगह पर नहीं था। सारी कुर्सियों को खाली देखकर उसने मंजीत को आवाज़ लगायी जो यहाँ का इकलौता चपरासी था। पहली पुकार पर जब मंजीत उसके सामने नहीं आया तब राघव ने एक और बार उसे पुकारा लेकिन इस बार भी नतीजा शून्य ही
अगले दिन जब सुबह की तरोताज़ा हवा के बीच दशाश्वमेध घाट पर राघव की तारा से मुलाकात हुई तब तारा ने उसे बताया कि बैंगलोर में एक कॉलेज है जहाँ गेमिंग डिज़ाइन की पढ़ाई होती है। उसने साइबर कैफ़े ...Read Moreकॉलेज की सारी डिटेल का प्रिंट आउट भी निकाल लिया था। इस प्रिंट आउट को देखते हुए राघव के माथे पर बल पड़ गये थे जिसकी वजह थी कॉलेज की फीस जो लाखों में थी। उसकी परेशानी समझते हुए तारा ने कहा, "सुन, अगर हमने कॉलेज का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया तो वो एजुकेशन लोन लेने में हमारी मदद
राघव की ट्रेन जब बैंगलोर पहुँची तब शाम के साढ़े छः बज रहे थे। उसकी परीक्षा अगले दिन सुबह दस बजे थी। रेलवे स्टेशन पर पूछताछ करके उसने वहीं पास ही स्थित एक छोटे से बजट होटल में रात ...Read Moreका निर्णय लिया। होटल के छोटे से कमरे में आने के बाद राघव ने हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर इस महानगर में उसे ऐसी सस्ती जगह न मिली होती तो पता नहीं अभी वो अकेला यहाँ क्या कर रहा होता। अगली सुबह परीक्षा हॉल में किसी तरह का व्यवधान न आये इस विचार से राघव
तारा ने जैसे ही गेमिंग सेक्टर के लिए राघव के चयन की ये चिट्ठी पढ़ी, ख़ुशी के अतिरेक में चीख़ते हुए उसने राघव को गले लगा लिया। उसकी इस हरकत पर राघव ने हँसते हुए कहा, "अरे बस कर ...Read Moreअभी तो बस चिट्ठी आयी है। अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए हमें अभी एक लंबा सफ़र तय करना है।" "ये सफ़र भी तय हो जायेगा दोस्त। तू अपने सारे डॉक्यूमेंट्स की फ़ाइल तो लाया है न?" तारा के पूछने पर राघव ने फ़ाइल वाला पैकेट भी उसे देते हुए कहा, "जी मैडम लाया हूँ क्योंकि मुझे पता है अब
जहाँ एक तरफ राघव ने गेमिंग सेक्टर की अपनी पहली डिग्री सफ़लतापूर्वक बहुत ही अच्छे अंकों के साथ प्राप्त कर ली, वहीं तारा भी बीएचयू से फिजिक्स में अपनी बैचलर डिग्री लेने के बाद अपने सपने को सच करने ...Read Moreआ चुकी थी। पहले वीकेंड पर जब राघव को अपनी नौकरी से और तारा को कॉलेज से छुट्टी मिली तब राघव सुबह-सुबह ही तारा से मिलने उसके हॉस्टल पहुँच गया। जब तारा अपने कमरे से निकलकर राघव के पास हॉस्टल के ऑफिस में आयी तब राघव ने उससे पूछा कि उसे यहाँ कॉलेज में कैसा लग रहा है, और उसकी