Love and Tragedy book and story is written by Urooj Khan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Love and Tragedy is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
लव एंड ट्रेजडी - Novels
by Urooj Khan
in
Hindi Love Stories
ये उपन्यास सिर्फ कल्पना पर आधारित है, इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही। इसका उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन करना है। इस धारावाहिक की कहानी एक अमीर घर के लड़के हंक्षित जिसके परिवार में उसकी माँ ( रुपाली ) उसके पिता हंसराज उसका भाई और भाभी ( रजत / रजनी ) उसकी दादी ( हेमलता )और बहन ( काव्या ) रहते है. उसका सपना दुनिया घूमने का और तस्वीरे खींच कर एक बड़ा फोटोग्राफर बन कर नाम कमाना है। उसकी ईश्वर में आस्था कही खो गयी है, एक हादसा जो उसके जीवन में पेश आया था उसके बाद उसका ईश्वर पर से भरोसा उठ सा गया है। ये सब लोग दिल्ली में रहते है।
एक झलक ये उपन्यास सिर्फ कल्पना पर आधारित है, इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही। इसका उद्देश्य सिर्फ पाठकों का मनोरंजन करना है। इस धारावाहिक की कहानी एक अमीर घर के लड़के हंक्षित जिसके परिवार में उसकी ...Read More( रुपाली ) उसके पिता हंसराज उसका भाई और भाभी ( रजत / रजनी ) उसकी दादी ( हेमलता )और बहन ( काव्या ) रहते है. उसका सपना दुनिया घूमने का और तस्वीरे खींच कर एक बड़ा फोटोग्राफर बन कर नाम कमाना है। उसकी ईश्वर में आस्था कही खो गयी है, एक हादसा जो उसके जीवन में पेश आया
अपने बेटे हंसराज के मूंह से अपने पोते के लिए इस तरह की बात सुन हेमलता जी बोल पड़ी क्यूंकि वो जानती थी कि अगर उन्होंने बात को यही नही रोका तो बाप बेटे के बीच और तकरार हो ...Read Moreइस लिए वो बात को सँभालते हुए बोली "क्या हंसु ( हेमलता जी अपने बेटे को प्यार से हंसु बुलाती है )तू फिर मेरे पोते के पीछे पड़ गया हाथ धो कर चल अब अपना नाश्ता ख़त्म कर जा हंक्षित तू भी नहा धो फिर नाश्ता करना ""अब क्या ही नाश्ता होगा चलो रजत दफ्तर चले?" हंसराज जी ने कहा
"रुपाली बेटा जा जाकर देख हंक्षित को कही कुछ कर न बैठे। मैं तो सीड़िया नही चढ़ सकती जल्दी जल्दी, जा उसे समझा कही वो हंसु की बातों को दिल पर लेकर ये घर छोड़ कर ही न चला ...Read More" हेमलता जी ने कहा पास ख़डी अपनी बहु से घबराते हुए।"नही माँ, आप घबराओं नही मैं जाकर देखती हूँ, इन दोनों बाप बेटे का झगड़ा आज से थोड़ी है, न जाने क्यू इन बाप बेटे की कुण्डली नही मिलती है एक दुसरे से "रुपाली जी ने कहा भावुक होते हुए।"माँ तुम ही भैया को समझा सकती हो, उनसे कहो
हंशित का फ़ोन बज रहा था। उस पर लिखा नाम उसके एक दोस्त का था उसने तुरंत फ़ोन उठाया और कहा " हाँ यार क्या हुआ सब ठीक तो है ना लव?"उधर से जवाब आता है " हाँ, भाई ...Read Moreठीक है तुझे बताना था की हम सब को एक ऐसी जगह मिल गयी है पहाड़ो में जहाँ तुझे तस्वीरे खींचने के लिए बहुत सारी जगह मिल जाएंगी, बर्फ से ढकी पहाड़िया लम्बे लम्बे दरख़्त और बहुत सारे जंगली जानवर और पंछी"सच यार ये तो बहुत ही अच्छा हो गया, अब बता भी दे क्या जगह है ताकि मैं इंटरनेट
अपने दोस्तों को इस तरह भीगा हुआ देख हंक्षित ने कहा ये क्या हाल बनाया है तुम लोगो ने कही बाहर बारिश तो नही हो रही है। हंशित ने खिड़की का पर्दा हटा कर देखा तो बाहर धूप खिली ...Read Moreथी।'कुछ नही यार बस ऐसे ही गाड़ी कीचड़ में गिर गयी थी और हम गंदे हो गए थे। तेरे पास एक्स्ट्रा कपडे तो है ना जाते जाते वापस कर जाएंगे लव ने कहा "" जाओ जाकर नहा लो पहले मैं जब तक कपडे निकाल कर लाता हूँ अलमारी से और हाँ श्रुति नही आयी।" हंशित ने पूछा"ऐसा भला हो सकता