Tere Liye by Saritashukla51 Shukla

तेरे लिए by Saritashukla51 Shukla in Hindi Novels
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥...
तेरे लिए by Saritashukla51 Shukla in Hindi Novels
अगले दिन,,,,,,सुबह का वक़्त गौरी मन्दिर से घर आ कर जब मेज़ पर नाश्ता लगाने लगी तो उसके  पिताजी उससे बोले "गौरी आ...