Baarish, Chaai aur Tum by सिद्धार्थ रंजन श्रीवास्तव

बारिश, चाय और तुम by सिद्धार्थ रंजन श्रीवास्तव in Hindi Novels
"अरे यार अब ये चीनी का डिब्बा कहाँ रखा है? नीलू ने जाने कहाँ रखा है? फ़ोन मिला कर फिर से पूछना पड़ेगा।" आकर्ष किचन में डब्...
बारिश, चाय और तुम by सिद्धार्थ रंजन श्रीवास्तव in Hindi Novels
आकर्ष बाहर आ कर देखता है बादल बहुत घने हो चुके होते हैं और हवा भी काफ़ी तेज़ चल रही होती है, बारिश किसी भी पल शुरू हो सकती...
बारिश, चाय और तुम by सिद्धार्थ रंजन श्रीवास्तव in Hindi Novels
"आपके हाथ में ये जो फोल्डर है उस पर आप का नाम लिखा है और फोल्डर देख के कोई भी अंदाजा यही लगाएगा की आप इंटरव्यू दे कर आ र...
बारिश, चाय और तुम by सिद्धार्थ रंजन श्रीवास्तव in Hindi Novels
"मथुरा, मैं मथुरा में रहता हूँ। कल रात की ट्रेन है मेरी।" आकर्ष ने जवाब दिया "मथुरा? अरे वाह। मैं भी आगरा की रहने वाली ह...