Mout ya Mohabbat book and story is written by Huda in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mout ya Mohabbat is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मौत या मोहब्बत । - Novels
by Huda
in
Hindi Thriller
कहते हैं है रात के बाद सुबह का सूरज निकलता है और सही कहते हैं आजमगढ़ में सूरज आज भी अपने वक्त पर निकला ना एक मिनट आगे न एक मिनट पीछे मगर रोज की तरह चहचता ये गांव आज खामोश पड़ा था चारो तरफ खून की लहरे थी जो सुबह के सूरज के साथ सूखने की कोशिश कर रही थी कहीं बाप तो कहीं बेटा अपने प्राण त्याग रहा था तो किसी की बेटी बिना कपड़ो के अपनी लाश की नीलामी देख रही थी मगर कौन करता कुछ इनके लिए !
एक छोटा सा गांव जो शहर से थोड़ी दूर एक जंगल से गुजर कर आता था । मिनिस्टर और पुलिस तो वहां से गुजरती है ना जहां पक्की सड़कें हों कोई बाधा उनके रास्ते में ना आए । ये लाशें क्या dafn होने और अंतिम संस्कार के लायक भी नहीं थी । क्या कोई नही tha उनको समाधि देने वाला कोई नहीं था उन लाशों की जनाजे की नमाज पढ़ने वाला कोई नहीं था मुर्दा बेटियों के जिस्म को ढकने वाला कोई नहीं था इनके बहे खून पर आवाज़ उठाने वाला ।
कयामत से कम नहीं था ये मंजर , जब चारों तरफ आग और दहशत का बोल बाला था , ना यही कोई किसी का हमदर्द ,, ना ही आज कोई साथ देने वाला था । चारों तरफ मौत का ...Read Moreफैला था , उसने जब खून से रंग खेला था , कोई नही था उन जालिमों को रोकने वाला , हर तरफ लड़कियां बन रही थी , इन वेहशियो का निवाला । । कहते हैं है रात के बाद सुबह का सूरज निकलता है और सही कहते हैं आजमगढ़ में सूरज आज भी अपने वक्त पर निकला ना एक मिनट
डॉक्टर हुदा की बात सुन उस लड़की की आंखों से आंसू लुढ़क गए उसने अपनी उदासी भरी आवाज़ में कहा , " मलाइका । " हुदा के चेहरे पर मुस्कान आ गई । अभी वो दोनो बात ही कर ...Read Moreथे की तभी पुलिस की पूरी टीम एंटर हुए और उनके बीच मिस्टर अब्बास आए और उन्होंने मलाइका के सिर पर हाथ रखते हुए कहा , " तुम्हारे गांव को तो हम बचा ना सके लेकिन आगे कोई और गांव ऐसे बर्बाद ना हो इसके लिए मुझे सच जानना जरूरी है बेटा । क्या हुआ था उस दिन । "
मंजू अलमारी में वह कागज़ रख रही थी कि तभी उसके कानों में एक आवाज आई मंजू जल्दी से खाना खा ले उसके बाद हम दोनों खेलने चलेंगे गांव वाले सभी सर्कस देखने गए हैं मेरे पास पैसे नहीं ...Read Moreकि मैं तुझे सर्कस दिखा कर लाऊं लेकिन मैं तेरे साथ खेल खेलूंगी क्या यह काफी होगा कि आज हम 1 घंटे से ज्यादा 2 घंटे खेलेंगे । मंजू खुशी से चिल्ला उठी और " बोली मेरे लिए तो मेरा सर्कस मेरा खेल ही है लीला मैं तुम्हारे साथ खेलेगी लेकिन बहुत देर तक क्योंकि गांव वाले सर्कस देखने गए