Galatee - The Mistake book and story is written by prashant sharma ashk in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Galatee - The Mistake is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गलती : द मिस्टेक - Novels
by prashant sharma ashk
in
Hindi Detective stories
कॉलेज कैंपस में विशाल, शेखर, साहिल और मानव खड़े होकर बातें कर रहे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड जिज्ञासा, मानसी, वंशिका और मेधा भी थीं। कॉलेज में कोई पांच दिन की लगातार छुट्टियां होने वाली थी, इसलिए सभी कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे थे। विशाल राज्य के एक मंत्री का बेटा है और विशाल शहर के एक बड़े बिजनेस मैन का। वहीं जिज्ञासा भी शहर के एक अन्य बड़े बिजनेस मैन की बेटी है। जबकि मानसी, वंशिका और मेधा के पिता का भी शहर में अच्छा खास रसूख है। मतलब साफ था कि इन आठों के पास रूपए-पैसे की कोई कमी नहीं थी। सभी रिच फैमिली से बिलॉग करते हैं और घर से उन्हें किसी भी काम को करने के लिए कोई रोक-टोक नहीं है। वहीं सभी अपने पिता के रूतबे और पैसों का रौब दिखाते रहते हैं। छुट्टियां मनाने के प्लान की शुरूआत विशाल ने ही की थी।
विशाल ने कहा- दोस्तों कॉलेज में पांच दिनों की छुट्टियां होने वाली है। मैं सोच रहा हूं कि इन छुट्टियां का कुछ फायदा उठाया जाए और कहीं बाहर घूमने चला जाए।
विशाल की बात का समर्थन करते हुए शेखर ने कहा- हां यार, बहुत दिनों से हमने यूं भी कोई ट्रिप प्लान नहीं की है। ये अच्छा मौका है, शहर के बाहर घूमने चलते हैं।
जिज्ञासा ने अपनी बात रखते हुए कहा- हां चलते हैं पर शहर से बहुत ज्यदा दूर नहीं जाएंगे।
विशाल ने सवाल किया- अरे क्यो ? मैं तो सोच रहा हूं कि शिमला चलते हैं।
कॉलेज कैंपस में विशाल, शेखर, साहिल और मानव खड़े होकर बातें कर रहे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड जिज्ञासा, मानसी, वंशिका और मेधा भी थीं। कॉलेज में कोई पांच दिन की लगातार छुट्टियां होने वाली थी, इसलिए सभी कहीं ...Read Moreजाने का प्लान कर रहे थे। विशाल राज्य के एक मंत्री का बेटा है और विशाल शहर के एक बड़े बिजनेस मैन का। वहीं जिज्ञासा भी शहर के एक अन्य बड़े बिजनेस मैन की बेटी है। जबकि मानसी, वंशिका और मेधा के पिता का भी शहर में अच्छा खास रसूख है। मतलब साफ था कि इन आठों के पास रूपए-पैसे
राजन उनके पास आया और बोला- राजन ने कार से उतरे आदमी से कहा- जी साहब कहिए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं। कार से उतरे आदमी ने रौबदार आवाज में सवाल किया- यह शाह साहब की हवेली ...Read Moreहै ना ? राजन ने जैसे ही शाह साहब सुना, उसके तेवर कुछ कम हो गए थे। उसने कहा- जी, हां साहब यह शाह साहब की हवेली ही है। उस आदमी ने अपने कोट की जेब में आया डाला और एक लेटर निकाल कर राजन के हवाले किया। राजन ने पत्र खोला और पढ़ा, उसमें हवेली के मालिक ने लिखा
उस ग्रुप से थोड़ा दूर जाकर भौमिक ने अपना फोन फिर से जेब रखा और एक बार पूरे हॉल में नजर दौड़ाई। भौमिक कमिश्नर अनमोल म्हात्रे को तलाश कर रहा था। वे पार्टी हॉल के एक कोने में कुछ ...Read Moreसे बातों में व्यस्त थे। भौमिक ने उनकी और कदम बढ़ा दिए। थोड़ी दूरी पर जाकर भौमिक रूक गया। करीब दो मिनट बाद कमिश्नर म्हात्रे की नजर भौमिक पर पड़ी। वे भौमिक के पास आ गए और कहा- क्या बात है भौमिक, पार्टी में ऐसे गंभीर चेहरे के साथ खड़े हो ? कमिश्नर की बात सुनकर भौमिक ने कहा- सर
भौमिक और परमार आगे बढ़े तो भौमिक के कदम एकदम से ठिठक गए थे। हॉल में एक लाल रंग का बल्ब जल रहा था। हॉल में रखे एक सोफे पर महिला का शव था। उसके गले और पेट पर ...Read Moreके वार नजर आ रहे थे। वहीं दूसरे सोफे पर एक आदमी का शव था। उसके हाथ की नस कटी थी, जिससे खून टपक रहा था। उसके हाथ के ठीक नीचे काफी सारा खून फैला हुआ था। इसके अलावा उस आदमी के गले पर चाकू से वार किया था। वह सोफे पर ऐसे गिरा था कि उसकी गर्दन सोफे के
भौमिक के प्रश्न के पूरा होने से पहले ही परमार ने जवाब दिया। नहीं सर उन्हें किसी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। या तो वे कातिल की नजर में आए ही नहीं थे या फिर कातिल ने ...Read Moreउन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। तो फिर तुमने ऐसा क्यों कहा कि मैं उनके बारे में क्या कहूं ? सर, जब मैं यहां आया हूं वे सभी एकदम खामोश बैठे हैं। उनसे मैंने बात करने की कोशिश भी की, परंतु आठों के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला है। कौन है वो लोग ? सर देखने से तो