Kaash aap kamine hote by uma (umanath lal das)

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काश आप कमीने होते ! by uma (umanath lal das) in Hindi Novels
पाठकों की आश्वस्ति के लिए मैं यह हलफनामा नहीं दे सकता कि कहानी के पात्र, घटनाक्रम, स्थान आदि काल्पनिक हैं। किसी भी तरह क...
काश आप कमीने होते ! by uma (umanath lal das) in Hindi Novels
दुबारा शाम को भी सिन्हा जी उसी का प्रवचन सुनते हुए दफ्तर जाते। अखबार के दफ्तर में पांव पड़ते ही, दस मौडम और पांच ब्यूरो...
काश आप कमीने होते ! by uma (umanath lal das) in Hindi Novels
लोगों को क्या मालूम कि सिन्हा जी चाट रहे हैं या झेल रहे हैं कोई फोड़ा जो फूटने का नाम नहीं ले रहा। यह कोफ्त भी तो हो सकत...
काश आप कमीने होते ! by uma (umanath lal das) in Hindi Novels
जले-भुने प्रसाद जी एक दिन सिन्हा जी से कहते हैं – ‘जानते हैं बास, अब बहुत जल्द हम सभी संपादक शब्द सुनने को तरस जाएंगे। ज...
काश आप कमीने होते ! by uma (umanath lal das) in Hindi Novels
सिन्हा जी – ‘बाजार में अपने स्पेस को लोकेट किए बिना आप कहीं नहीं रह सकते। अखबार अपने ढंग से पत्रकार के कौशल को खरीदता है...