Pyar me ban gaye Ullu book and story is written by Sanju Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pyar me ban gaye Ullu is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्यार में बन गए उल्लू - Novels
by Sanju Sharma
in
Hindi Comedy stories
जूनियर कॉलेज पास करके डिग्री में कदम रखा ही था, ज्यादा कुछ बदलाव नही आया था सिवाय इसके कि, जूनियर कॉलेज में लड़कियों से दोस्ती करने की उम्मीद में नज़रें बिछी रही और यही उम्मीद पास होके डिग्री में पहुँचा और यहां मेरी उम्मीद को बल मिला जब एक लड़की कई दिनों से लाइन पर लाइन दिए जा रही थी
वो चौथी कतार में सबसे आखरी बेंच पर बैठती और में पहली कतार की दूसरी बेंच से उसे निहारा करता और बदले में वो भी मुझे रिस्पांस देती
मेरे जूनियर कॉलेज के दो साल की तपस्या तीसरे साल में रंग लाई, लड़की खबसूरत थी, बड़ी शालीन और सबसे बड़ी बात उसकी नज़रें मुझ से हट ती ही नही, चाहे वो अपनी सहेलियों से बात कर रही हो या क्लास में सर् के सवालों का जवाब दे रही हो, नज़रें बस मुझ पर।
बस इस पल को खोना नही चाहता था, इसलिए किसी और लड़की को देखना बन्द कर दिया , अब मेरा हर पल सिर्फ और सिर्फ उस लड़की के नाम जिसका नाम मुझे अभी तक पता भी नही था पर जल्द पता करना चाहता था ताकि उसका नाम मैं अपने बेंच पर लिख सकू |
आँखें उसकी उत्तर दखिण.
जूनियर कॉलेज पास करके डिग्री में कदम रखा ही था, ज्यादा कुछ बदलाव नही आया था सिवाय इसके कि, जूनियर कॉलेज में लड़कियों से दोस्ती करने की उम्मीद में नज़रें बिछी रही और यही उम्मीद पास ...Read Moreडिग्री में पहुँचा और यहां मेरी उम्मीद को बल मिला जब एक लड़की कई दिनों से लाइन पर लाइन दिए जा रही थीवो चौथी कतार में सबसे आखरी बेंच पर बैठती और में पहली कतार की दूसरी बेंच से उसे निहारा करता और बदले में वो भी मुझे रिस्पांस देतीमेरे जूनियर कॉलेज के दो साल की तपस्या तीसरे साल में रंग लाई, लड़की
बस वाली प्रेम कहानीक्या बताउ दोस्तों, अच्छी कट रही थी, मस्त जीवन था, किसी का बंधन न था, एक दिन मिली वो मुझे बस स्टॉप पर और रोज़ाना मिलने लगी उसी स्टॉप पर।एक छोर पर वो बैठती और दूसरे ...Read Moreसे मैं उसे निहारा करता, सिर्फ उसके लिए अपने बाप के बोलने से पहले जागता और तो और उसके लिए सुबह सुबह नहाने का भी मन करता, मेरे तन से खुशबू उस तक पहुंचे, बाजार के सारे डियोड्रेंट घर लाके ट्राई कर चूका था।अब तो बस का कंडक्टर भी मेरी भावनाओं को समझता है, मेरे नैन मटक्को पर देर से
कॉलेज का पहला प्यार यह कहानी तबकी है जब मोबाइल हर किसी के पास मुमकिं नही थावह कॉलेज का पहला दिन, न मोबाइल और न मोबाइल का कैमरा, की उसकी एक झलक को कैद कर लूं, वसई स्टेशन पर ...Read Moreही था और महीना अगस्त का, बारिश थमने का नाम नही ले रही मैं एक छावनी की आड़ में बाकी लोगो के साथ अपने पहले दिन के कॉलेज में पहने हुए नए कपड़े को बारिशो के बूंदों और बौछारों से बचा रहा था, वो भी मेरे सामने खड़ी थी, एक तरफा प्यार बिल्कुल नही था, मेरे अलावा कुछ और छिछोरे
हर कुत्ते के दिन आते है जबसे मैंने पूजा को मंदिर में पूजा करते देखा तो मन किया कि ढंग से पूजा करूँ यानी थोड़े मेल मिलाप बढ़ाऊ सो मैंने उसके घर के ठिकाने का पता लगाया और पहुँच ...Read Moreएक दिन उसकी गली मेंपर कहते है कि अगर आपका दिन खराब हो, तो ऊँट पर भी बैठे इंसान को कुत्ता काट लेता है, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआपहले दिन ही पूजा की गली पहुँचा तो उसके बिल्डिंग के एक कुत्ते ने(जी मैं जानवर की बात कर रहा हूँ, इंसान की नही) मुझे उसेन बोल्ट बना दिया,उसका रिकॉर्ड तोड़