Shakunpankhi book and story is written by Dr. Suryapal Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Shakunpankhi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. शाकुनपाॅंखी - Novels by Dr. Suryapal Singh in Hindi Moral Stories 80 50.7k Downloads 129.6k Views 3 Likes Writen by Dr. Suryapal Singh Read Full Story Download on Mobile Novels Description यह इक्कीसवीं शती का प्रारंभ है। पूर्व और पश्चिम की विकास यात्रा में नव उदारीकरण की लहलहाती फसल के बीच इंच इंच घिसटती मानवता । उद्यमिता के नए प्रारूपों के बीच व्यष्टि की बंधक होती हनक । बाज़ार भरे हुए, ग्राहकों की जेबें टटोलते, भीड़ के बीच आदमी का अकेलापन । समाज जिसे बहुध्रुवीय, बहुलतावादी होने का मुगालता था एकरूपता की मार से कराहता हुआ । धर्म और नस्ल के नए नए प्रयोग हित अनहित के प्रश्नों को निबटाते हुए। सत्ता के लिए इनका सटीक उपयोग मानवमन के बीच भयानक द्वन्द्वका सृजन करता हुआ । सत्ताधारी की भाँति पंथों के अगुवा भी ताल ठोंक कर जन-जन के बीच लकीर खींचते हुए। लहू-लुहान शाकुनपाँखी की भाँति सहा खीझा आम जन । बहेलिए छुट्टा घूमते हुए लक्ष्य साधने में मग्न । 'मा निषाद ' का उद्घोष भी प्रभावहीन । जन आक्रोश सार्थक दिशा की तलाश में। आशा और निराशा के बीच जूझते युवाजन । पंछी की भाँति उड़ता मनुष्य पड़ोसियों से समरस न हो पाने के लिए अभिशप्त । सत्ता, शक्ति और वैभव के लिए कैसे कैसे नृत्य? पर समरसता, सदभावना की भी एक अन्तर्धारा अविरल बहती जन मानस को सींचती चलती। यही तो हर युग की कथा है। | More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> New Episodes : Every Tuesday,Thursday,Saturday Episodes Novels शाकुनपाॅंखी - 1 - उपोद्घात New उपोद्घात यह इक्कीसवीं शती का प्रारंभ है। पूर्व और पश्चिम की विकास यात्रा में नव उदारीकरण की लहलहाती फसल के बीच इंच इंच घ... Read Free Novels शाकुनपाॅंखी - 2 - फिर वही सान्ध्य भाषा New 3. फिर वही सान्ध्य भाषा प्रातराश एवं विश्राम के बाद संयुक्ता ने पुनः कारु से अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा।" मैंने इस... Read Free Novels शाकुनपाॅंखी - 3 - कान्यकुब्ज New 4. कान्यकुब्ज महाराज जयचन्द्र का अधिकांश समय यज्ञ की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश देने में ही बीत जाता । हरकार... Read Free Novels शाकुनपाॅंखी - 4 - तेरी आँखें New 5. तेरी आँखें संयुक्ता पाठ का अध्ययन करने के साथ ही सामयिक घटनाओं पर चर्चा छेड़ देती, ‘आर्ये, सुनती हूँ शाकम्भरी नरेश ने... Read Free Novels शाकुनपाॅंखी - 5 - शाकुनपाँखी नहीं हूँ मैं New 7. शाकुनपाँखी नहीं हूँ मैं 'महाराज की दृष्टि बचाकर कार्य करना कितना दुष्कर है?' महिषी शुभा टहलती हुई सोच रही हैं... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>