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महाभारत की कहानी - भाग-१२ विचित्रवीर्य, धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर के जन्म कथा...
शायद मेरी आख़िरी नाराज़गी होगी ..फिर कभी न गुस्सा करूंगी और न उसके बाद कोई हक हो...
ఆ ఊరి పక్కనే ఒక ఏరు (ఏ స్పైసీ హాట్ రొమాంటిక్ థ్రిల్లర్) శివ రామ కృష్ణ కొట్ర "అయి...
51=== आशी को अब सारी बातें ऐसे याद आती जा रही थीं मानो वह इन पलों मे...
The Wall One day Meera...
ભાગવત રહસ્ય-૧૫૭ પ્રહલાદ ની જેમ –જે-ભગવાનની ગોદમાં વિરાજે છે-તેને કાળ કંઈ કરી શ...
The Courage of Captain RajveerThe battlefield stretched endlessly, a bleak expan...
छूत के डर से घर वालों ने मां को छत वाला कमरा दे रखा था । हम नीचे वालों को इस कड़...
भाग ४.... " कुठे गेली ही जोगतीन !" नमिताबाई स्वत:शीच म्हंटल्या. ...
अपने जीवन में अनगिनत लोगों का साथ मिलता - बिछड़ता रहा। कुछ दो चार...
When twenty two years or so aged Evalla felt too much for Viswanadh who was not only a widower, has a twenty six years or so aged daughter but also aged more than double to her; an...
The Campus Crisis The student, with frantic steps, rushed through the hallway, pushing past startled colleagues. The door to the professor’s cabin burst open, and he stood there, h...
यह कहानी है एक छोटे से गाँव की, जहाँ सर्दियों की शामें जल्दी उतर आती थीं और घने कोहरे में गाँव खो सा जाता था। इस गाँव में अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रहती थीं, जिनका कोई भी कारण नहीं जा...
નમસ્કાર મિત્રો હું શૈમી ઓઝા લફઝ આપ સમક્ષ એક વાર્તા સાથે પ્રસ્તુત થઈ છું. આ વાત છે પશ્ચિમ બંગાળની અનહિતા જે શરારતી અને નિખાલસ યુવતી છે. વરસાદની મૌસમ હતી.અનાહિતા ને વરસાદનુ ખૂબ ઘે...
महाभारत की कहानी - भाग- १ शिखंडी की कहानी और भीष्म की इच्छामृत्यु प्रस्तावना संपूर्ण महाभारत पढ़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। अधिकांश लोगों ने महाभारत की कुछ कहानी पढ़ी, सु...
ఇరవై ఒక్క ఏళ్ల సుస్మితకి తన తల్లి తండ్రి ఇద్దరూ తన పదహారో సంవత్సరంలోనే ఫ్లైట్ ఆక్సిడెంట్ లో చనిపోవడం వల్ల మాత్రమే కాదు, తన తండ్రి రాసిన ఒక వింత వీలునామా వల్ల కూడా పెద్ద చిక్కు వచ...
माउंट आबू के उस अंतिम छोर पर स्थित एक छोटे से आश्रम में अपने कमरे के बाहर लॉबी में एक कुर्सी पर बैठी आशी दूर अरावली के पर्वतों की शृंखला को न जाने कब से टकटकी लगाकर देख रही थी| शीत...
પરમાત્મા ના દર્શન કરવાથી માનવ જન્મ સફળ થાય છે.મનુષ્ય જન્મ પ્રભુને પ્રાપ્ત કરવા માટે છે.પ્રભુએ કૃપા કરી માત્ર માનવને જ એક એવી શક્તિ (બુદ્ધિ) આપી છે કે –જો માનવ આ બુદ્ધિનો સદુપયોગ કર...
कथेवाटे कोणत्याही धर्माला गालबोट लावल गेलं नाही! मनोरंजन होईल ह्या दृष्टीने कथा लिहिली गेली व मनोरंजन होईल ह्या दृष्टीनेच कथा वाचा! लेखक कोणाच्या ही भावना दुखावात नाहीये ! त्या...
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...
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