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वो माया है.... by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Novels
(1)बद्रीनाथ सिन्हा के घर के बाहर ढोल वाले खड़े थे। बद्रीनाथ के छोटे बेटे पुष्कर की बारात बहू को विदा कराकर आने वाली थी।...
वो माया है.... by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Novels
(2)दोपहर को खाने के बाद आंगन में नई बहू की मुंह दिखाई की रस्म हुई। मोहल्ले पड़ोस और रिश्तेदारी वाली औरतें दिशा का चेहरा...
वो माया है.... by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Novels
(3)पुष्कर जब कमरे में गया तो दिशा उसकी राह देख रही थी। पुष्कर उसके पास जाकर बैठ गया। वह जानता था कि इस नए माहौल में उसके...
वो माया है.... by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Novels
(4)दिशा की आँख खुली। कुछ देर तक वह बिस्तर पर बैठी रही। अपनी ससुराल में यह उसकी पहली सुबह थी। वह खुश थी। उसने पास में सोए...
वो माया है.... by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Novels
(5)आंगन में कई लोग थे पर एकदम शांति थी। उमा को अपनी बेबसी में जब कुछ समझ नहीं आया तो रोने लगीं। उनके रोने से चिढ़कर बद्र...