दुष्चक्र by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती...
दुष्चक्र by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,...