Haweli book and story is written by Lata Tejeswar renuka in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Haweli is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. हवेली - Novels by Lata Tejeswar renuka in Hindi Love Stories 35 39.2k Downloads 76.4k Views 9 Likes Writen by Lata Tejeswar renuka Read Full Story Download on Mobile Novels Description जंगल के बीचोंबीच एक पुरानी हवेली, जहाँ रात की स्तब्धता में कुछ चीख- पुकार सुनाई देती है। हवाओं की सनसनाती आवाजें उस हवेली से गुजरते हुए कुछ राज़ की बातें बयान करना चाहती हैं, लेकिन किसी अनजान शक्ति के दबाव में आकर उनकी आवाजें जैसे गले में ही दबकर रह जाती हैं। उस हवेली में छिपी कई राज़ की बातें उन मिट्टी, पत्थरों में दफन होकर रह गईं हैं। रात के अंधेरे में हवाओं के सनसनाहट के साथ घुँघरू की झंकार उस निस्तब्ध हवेली में गूँज उठती है। उस हवेली की लंबी दीवारों के पीछे कुछ अनचाही और अनसुनी सच्चाइयाँ, समय के साथ दफन हैं। जिनकी छटपटाहट उन सारी बातों को चीख-चीखकर कहने की कोशिश करतीं हैं। उस हवेली में गुज़रा हुआ कल, रात के अंधेरे में जागरुक हो उठता है। सालों पहले उस हवेली के सुख-दुख की भागी बन सामने खड़ा वह बरगद, आज भी मिट्टी में पैर फैलाए उस इतिहास का साक्षी बन खड़ा है। उस वृक्ष से बिखरा हुआ हर एक पत्ता, एक नई कहानी बयान करता है। उड़ते हुए धूल-मिट्टी के साथ-साथ सूखे पत्तों की सरसराहट उस स्तब्धता को और भी भयानक बना रही थी। इन सबसे दूर आकाश में काले बादलों के बीच अधखिला चाँद अपने अस्तित्व को बादल में छिपाते, माँ के आँचल में खेलते हुए एक बच्चे की तरह अँधेरे से आँखमिचौली खेल रहा था। काला घना अँधेरा, लम्बे-लम्बे देवदारु वृक्षों की बाँहों में से निकलकर धरती की गोद में समा रहा था। जंगल में हवा की सन-सन आवाज़, चमगादड़ के फड़फड़ाहट के साथ-साथ उल्लू के भयानक चीख़ हवा में लहराते-लहराते मेंहदी के कानों में गूँज रही थी। दूर कहीं नदी की बहती हुई धारा में चाँद की हल्की रोशनी का एक झलक उस कमरे में प्रतिबिंबित हो रहा था। नया परिसर और अजीबोगरीब आहटों से आँखों से नींद ओझल हो चुकी थी। पलकें भारी होने के बावजूद नींद का नामोनिशान नहीं थी। अस्त-व्यस्त पलंग पर पड़े-पड़े असहनीय महसूस होने से उठकर वह खिड़की के सामने आकर खड़ी हो गई। More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> Full Novel Episodes Novels हवेली - 1 New (...एक प्रेम कथा...) लेखिका : श्रीमती लता तेजेश्वर 'रेणुका' विभिन्न घटनाओं से गुजरती हवेली का सच" फोन पर अपरिचित... Read Free Novels हवेली - 2 New ## 2 ## अमावास का गहरा अँधकार चारों तरफ फैला हुआ है। लंबे-लंबे वृक्षों के बीच गहन अँधकार और भी भयानक लग रहा था। उस रात क... Read Free Novels हवेली - 3 New ## 3 ## सुबह जब अन्वेशा की आँख खुली,घड़ी में आठ बज चुके थे। उसने अपने कमरे से निकलकर बाहर आई। घर में ऊपर का कमरा अन्वेशा... Read Free Novels हवेली - 4 New ## 4 ## पुणे शहर से 200 किलोमीटर दूर जंगल की ओर बढ़ती एक सूनी-सी सड़क। सड़क के दोनों तरफ सूखे मैदान और कंटीले पौधों से भरा... Read Free Novels हवेली - 5 New ## 5 ## अजनीश, बैंक पहुँचा पैसे निकालने थे। माँ की चिट्ठी उसे परेशान कर रही थी। अचानक बाबूजी की तबियत खराब होने से अस्पत... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>